झारखंड कोयला ब्लॉक नीलामी मामले में केंद्र को नोटिस, सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब
कोयला ब्लॉक नीलामी के केंद्र के फैसले पर राज्य सरकार ने याचिका दायर कर जवाब की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से जवाब देने को कहा है।
नई दिल्ली, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट ने कोयला खदानों की नीलामी को चुनौती देने वाली झारखंड सरकार की याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। केंद्र ने 41 कोयला खदानों की नीलामी का फैसला लिया है इनमें से 9 खदाने झारखंड में है।
पिछले माह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 41 कोयला ब्लॉकों की वर्चुअल नीलामी की प्रक्रिया शुरू की थी जिसपर झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने रोक लगाने की मांग की। झारखंड सरकार का कहना है कि दुनिया भर में फैले महामारी के कारण इन खदानों की नीलामी का उचित मूल्य नहीं मिलेगा, इसके अलावा कोयला खदानों के व्यावसायिक खनन से आदिवासियों की जिंदगी भी प्रभावित होगी।
कोर्ट ने केंद्र को झारखंड सरकार द्वारा दायर याचिका पर जवाब देने का निर्देश दिया। इसमें केंद्र द्वारा कॉमर्शियल उद्देश्यों के लिए राज्य में नौ कोयला ब्लॉक की नीलामी के फैसले को चुनौती दी गई है।
राज्य सरकार ने कहा है कि कोयला खनन का झारखंड की विशाल आबादी और वन भूमि पर पड़ने वाले सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभाव के निष्पक्ष मूल्यांकन की आवश्यकता है। साथ ही राज्य सरकार ने कहा कि केंद्र के नीलामी के फैसले से इन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है।
राज्य सरकार की ओर से यह याचिका वकील तपेश कुमार सिंह ने दायर की। याचिका में खनिज कानून (संशोधन) अधिनियम 14 मई 2020 को खत्म होने की बात कही गई है और इसलिए नीलामी की प्रक्रिया को कानूनी रूप से उचित नहीं बताया है। याचिका में खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम 1957 की धारा 11(A)(1) का भी जिक्र है जिसके तहत कोयला के खनन के लिए प्रतिस्पर्धी ठेके के लिए ऐसे कंपनियों को आवेदन की अनुमति है जो भारत में कोयले का खनन करती हैं, इस तरह 11 जून को जो अधिसूचना जारी की गई उसके द्वारा वैश्विक भागीदारी और प्रतिस्पर्धा की बात को समाप्त कर दिया गया है।बता दें कि सरकार ने नीलामी प्रक्रिया इसलिए शुरू किया है कि देश में औद्योगिक गतिविधियों में तेजी आए और उत्पादन बढ़ने से इसकी बाजार में कीमत में नरमी आए और कोयला उत्पादन में देश आत्मनिर्भर हो जाए। याचिका में कहा गया है कि इस क़दम से आदिवासी लोगों को नुक़सान होगा।