यूपीपीएससी की मुख्य परीक्षा पर रोक की मांग पर 14 जून को आएगा सुप्रीम कोर्ट का फैसला
कोर्ट पहले कह चुका है कि विशेषज्ञ समिति के फैसले मे कोर्ट को दखल नहीं देना चाहिए।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट यूपीपीएससी की मुख्य परीक्षा रोकने की मांग पर 14 जून को अपना फैसला सुनाएगा। मंगलवार को कोर्ट ने मामले में सभी पक्षों की बहस सुनकर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि अगर न्यायिक समीक्षा करते हुए कोर्ट प्रतियोगी परीक्षाओं में दखल देता रहेगा तो परीक्षा की गरिमा खतम हो जाएगी। एक सीमा रेखा तय करनी होगी कि न्यायिक समीक्षा करते हुए कोर्ट किस हद तक परीक्षा में दखल दे सकता है।
- सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर बहस सुनकर फैसला किया सुरक्षित
- 18 जून को होनी है मुख्य परीक्षा
ये टिप्पणियां न्यायमूर्ति यूयू ललित व न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की अवकाशकालीन पीठ ने बहस सुनकर 14 जून तक के लिए फैसला सुरक्षित रखते हुए की। कुछ छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर यूपीपीएससी की 18 जून को होने वाली मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने की मांग की है। छात्रों ने प्रारंभिक परीक्षा में कुछ प्रश्नों के उत्तर गलत होने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट के पुनर्मूल्यांकन के आदेश को लागू करने की मांग की।
मालूम हो कि छात्रों की प्रारंभिक परीक्षा में कुछ प्रश्नों के उत्तर गलत होने के आरोपों पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुनर्मूल्यांकन के आदेश दिये थे जिसके खिलाफ यूपीपीएससी सुप्रीम कोर्ट आया था और सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा रखी है। इस बीच यूपीपीएससी ने कोर्ट से 18 जून को मुख्य परीक्षा कराने का कार्यक्रम तय करने की गुजारिश की है जिसका छात्र विरोध कर रहे हैं।
मंगलवार को मामले पर सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि न्यायिक समीक्षा के क्षेत्राधिकार में कोर्ट तभी दखल दे सकता है जबकि उसे सीधे तौर पर प्रक्रिया में गड़बड़ी नजर आये लेकिन कोर्ट रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए परीक्षा कराने वाली अथारिटी के निर्णय में दखल नहीं दे सकता।
यूपीपीएससी की ओर से पेश एएसजी मनिंदर सिंह ने मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने या टालने का विरोध करते हुए कहा कि यूपीपीएससी ने प्रारंभिक परीक्षा के बारे में उठाई गई आपत्तियों की जांच के लिए कमेटी गठित की और कमेटी ने सभी आपत्तियों की जांच की और उसके बाद ही 19 जनवरी को रिजल्ट घोषित किया गया।
उन्होंने कहा कि प्रारंभिक परीक्षा में करीब 16000 परीक्षार्थी सफल हुए हैं। सिंह ने कोर्ट के पूर्व फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि कोर्ट पहले कह चुका है कि विशेषज्ञ समिति के फैसले मे कोर्ट को दखल नहीं देना चाहिए।
कोर्ट की टिप्पणी
न्यायिक समीक्षा करते हुए कोर्ट परीक्षा के उत्तर की जांच नहीं कर सकता। जब तक कि उत्तर के बारे में कोई संदेह न हो कोर्ट को दखल नहीं देना चाहिए अन्यथा ऐसे मामलों की बाढ़ आ जाएगी।