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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही सुबह वंशी बजा सकेंगे बांके बिहारी

पहली बार शरद पूर्णिमा की सुबह नई परंपरा के मामले में सुप्रीम कोर्ट सेवाधिकारियों की याचिका पर आज सुनवाई करेगा।

By Edited By: Published: Tue, 23 Oct 2018 12:08 AM (IST)Updated: Tue, 23 Oct 2018 12:09 AM (IST)
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही सुबह वंशी बजा सकेंगे बांके बिहारी
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही सुबह वंशी बजा सकेंगे बांके बिहारी

वृंदावन, जासं। शरद पूर्णिमा पर ठा. बांकेबिहारी सुबह वंशी बजाएंगे या नहीं, सुप्रीम कोर्ट इसका फैसला मंगलवार को करेगा। शयनभोग सेवाधिकारियों ने राजभोग सेवा में वंशी धारण कराने और जगमोहन में ठाकुरजी को विराजमान कराने को परंपरा के विपरीत बताते हुए सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है।

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कुछ महीने पहले हाईकोर्ट ने व्यवस्था दी थी कि शयन भोग सेवा के उत्सव राजभोग सेवा में भी किए जा सकेंगे। इसके तहत ही हरियाली तीज पर बांकेबिहारी सुबह भी जगमोहन में आकर झूला झूले थे। 24 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा है। कोर्ट आदेश के अनुपालन में प्रशासक ने सुबह बांकेबिहारी को जगमोहन में लाने और वंशी धारण कराने की तैयारी की है। इस पर मंदिर के शयनभोग सेवाधिकारियों राजीव मुकुंद गोस्वामी, हिमांशु गोस्वामी, अनिल बिहारी गोस्वामी और राममूर्ति गोस्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में शरण ली है।

याचिका में कहा गया है कि शयन भोग सेवा में होने वाले उत्सवों को राजभोग सेवा में भी अमल में लाना परंपरा के विपरीत है। सेवायतों की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने 23 अक्टूबर को सुनवाई करने का दिन तय किया है। इसके बाद ही तय हो सकेगा कि शरद पूर्णिमा पर सुबह ठाकुरजी जगमोहन में वंशी बजाते हुए दर्शन देंगे या नहीं।


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