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कठुआ कांड की सीबीआई जांच की मांग सुप्रीम कोर्ट से रद

सुप्रीम कोर्ट ने कठुआ दुष्कर्म कांड की नये सिरे से जांच कराए जाने और जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी जैसे सीबीआई को दिये जाने की मांग शुक्रवार को खारिज कर दी।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 05 Oct 2018 08:40 PM (IST)Updated: Fri, 05 Oct 2018 08:40 PM (IST)
कठुआ कांड की सीबीआई जांच की मांग सुप्रीम कोर्ट से रद
कठुआ कांड की सीबीआई जांच की मांग सुप्रीम कोर्ट से रद

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कठुआ दुष्कर्म कांड की नये सिरे से जांच कराए जाने और जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी जैसे सीबीआई को दिये जाने की मांग शुक्रवार को खारिज कर दी। कोर्ट में दो याचिकाएं सुनवाई के लिए लगीं थीं जिसमें एक याचिका में जांच स्वतंत्र एजेंसी जैसे सीबीआई को दिये जाने की मांग की गई थी जबकि दूसरी याचिका में पूरे मामले की नये सिरे सें जांच कराए जाने और तबतक के लिए सुनवाई पर अंतरिम रोक लगाए जाने की मांग की गई थी।

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न्यायमूर्ति यूयू ललित और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने दोनों याचिकाएं खारिज करते हुए कहा कि मामले में दखल देने का आधार नजर नहीं आता। नये सिरे से जांच का आदेश देने की जरूरत नहीं लगती। याचिकाकर्ता जांच में खामी की जो बातें बता रहे हैं वे ट्रायल के दौरान कोर्ट में उठा सकते हैं।

इससे पहले मामले में अभियुक्त पिता पुत्र सांझीराम और विशाल जंगोत्रा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार ने कहा कि इस मामले में दाखिल आरोपपत्र मे उनके मुवक्किलों के खिलाफ दो तरह की बातें आ रही हैं। अभियुक्त पिता पुत्र हैं। ये संभव नहीं है कि कोई पिता अपने पुत्र को मेरठ में परीक्षा देने के बीच से बुला ले और उसे इस तरह का अपराध करने को कहे। इसके अलावा भारतीय समाज में ये असंभव है कि पिता पुत्र दोनों एक साथ इस तरह के अपराध में शामिल हों। पीठ ने दलीलें सुनने के बाद कहा कि वे मामले की जांच स्थानांतरित करने की उनकी मांग स्वीकार करने के इच्छुक नहीं हैं।

इसके बाद दूसरे अभियुक्त प्रवेश कुमार की ओर से पेश वकील चंदन शर्मा ने मामले की नये सिरे से जांच का आदेश देने की मांग करते हुए कहा कि जांच में बहुत खामियां है। जांच सतही ढंग से हुई है। इसके अलावा जांच करने वाली एसआईटी के दो पुलिस अधिकारियों पर आपराधिक मुकदमें हैं उन पर हिरासत में मौत और भ्रष्टाचार के आरोप हैं। जांच दुराग्रह से प्रेरित है। गवाहों को प्रताडि़त किया जा रहा है। कोर्ट ने पूछा कि कितनी गवाहियां हो चुकी हैं इस पर वकील ने बताया कि अभी तक 80 गवाहों का परीक्षण हो चुका है। कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद कहा कि उन्हें मामले में दखल देने का आधार नजर नहीं आता। जांच में खामियों की जो बातें वह बता रहे हैं उन्हें ट्रायल के दौरान उठा सकते हैं।

कठुआ में आठ साल की बच्ची की सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। मामला सामने आने के बाद जम्मू कश्मीर में सियासत गर्मा गई थी। मामले की जांच जम्मू कश्मीर पुलिस की क्राइम ब्रांच ने करके अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था। पीडि़ता के पिता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गत 7 मई को मामले की सुनवाई जम्मू कश्मीर से बाहर पंजाब की पठानकोट जिला अदालत स्थानांतरित कर दी थी। कोर्ट ने मामले के त्वरित निपटारे का निर्देश देते हुए रोजाना इन कैमरा सुनवाई के आदेश दिये थे।


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