एफआरएल के संपत्ति हस्तांतरण में क्या दिया जा सकता है कोई अंतरिम आदेश, अमेजन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अमेजन फ्यूचर ग्रुप विवाद मामले में सुनवाई की। अदालत ने पूछा कि क्या वह अमेजन की याचिका पर कोई अंतरिम आदेश दे सकता है। सर्वोच्च अदालत इस मामले में चार अप्रैल को सुनवाई करेगी।
नई दिल्ली, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पूछा कि क्या वह अमेजन की उस याचिका पर कोई अंतरिम आदेश जारी कर सकता है, जिसमें उसने रिलायंस रिटेल द्वारा फ्यूचर रिटेल (एफआरएल) के स्टोरों के अधिग्रहण के खिलाफ तब तक रोक लगाने की मांग की है जब तक मध्यस्थता न्यायाधिकरण इस मामले में कोई फैसला नहीं सुना देता है। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ अब इस मामले की सुनवाई चार अप्रैल को करेगी।
पीठ ने कहा कि जिन संपत्तियों पर एफआरएल के स्टोर चल रहे थे, उनके मालिक हमारे सामने नहीं है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जब संपत्ति का मालिक हमारे सामने नहीं है तो क्या उससे जुड़ा कोई आदेश पारित किया जा सकता है। उधर, अमेरिकी ई-कामर्स कंपनी की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम ने कहा कि जहां तक मध्यस्थता प्रक्रिया फिर से शुरू करने का सवाल है तो अमेजन और फ्यूचर समूह दोनों एकमत हैं।
उन्होंने कहा कि एफआरएल के 800 से अधिक स्टोर को खाली कराकर रिलायंस समूह ने अपने कब्जे में ले लिया है। वहीं एफआरएल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि करीब 374 स्टोर समूह के पास हैं और जब तक इन संपत्तियों के मालिक उन्हें स्टोर चलाने की अनुमति देंगे तब तक वह काम करना जारी रखेंगे।
साल्वे ने कहा कि कंपनी के खाते फ्रीज हैं और वह किराया अदा नहीं कर सकती है। ऐसे में संपत्तियों के मालिकों को उम्मीद है कि अगर रिलायंस इस पूरी प्रक्रिया में शामिल होता है तो उन्हें पैसा अवश्य मिल जाएगा। किराए का भुगतान करने के लिए कंपनी के पास पैसा नहीं है और अगर कंपनी को उधार देने वाले बैंक इस प्रक्रिया में पार्टी बनते हैं तो दिवालिया प्रक्रिया शुरू होने की आशंका बलवती हो जाएगी।
फ्यूचर ग्रुप को कर्ज देने वाले बैंकों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने भी पीठ से कहा कि इस मामले में ऐसा कोई अंतरिम आदेश जारी नहीं किया जाए, जो बैंकों के हितों के खिलाफ हो। सुनवाई के दौरान अमेजन के वकील ने कहा कि फ्यूचर ग्रुप की बैलेंस शीट को देखकर यह कहा जा सकता है कि वह उन संपत्तियों का किराया चुकाने में पूरी तरह सक्षम है, जिन पर उसके स्टोर चल रहे हैं।
फ्यूचर रिटेल को बर्बाद कर देना चाहती है अमेजन
समाचार एजेंसी आइएएनएस के मुताबिक फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के वकील ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आज कोई भी उनकी कंपनी के साथ व्यापार नहीं करना चाहता है, क्योंकि उन्हें डर है कि दिवालिया प्रक्रिया से जुड़ी धारा-सात किसी भी दिन प्रभावी हो सकती है। फ्यूचर समूह के वकील हरीश साल्वे ने कहा कि अमेजन फ्यूचर रिटेल को हासिल नहीं करना चाहती है बल्कि उसे बर्बाद कर देना चाहती है।