सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा, विदेशी जमातियों के खिलाफ कैसे हो मुकदमों की जल्द सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि तब्लीगी जमात के सम्मेलन में आए विदेशी नागरिकों के खिलाफ मुकदमों की सुनवाई जल्द खत्म करने के लिए क्या कर सकते हैं।
नई दिल्ली, एएनआइ। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि इस साल मार्च में निजामुद्दीन स्थित मरकज में तब्लीगी जमात के सम्मेलन में भाग लेने आए विदेशी नागरिकों के खिलाफ मुकदमों की सुनवाई जल्द खत्म करने के लिए क्या किया जा सकता है। जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने सम्मेलन में शामिल विदेशी जमातियों को काली सूची में डालने और उनका वीजा रद करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह सवाल पूछा। तब्लीगी जमात का यह सम्मेलन देश में कोरोना वायरस के प्रसार का केंद्र बन गया था।
केंद्र सरकार की तरफ से अदालत में पक्ष रख रहे तुषार मेहता (Solicitor General Tushar Mehta) ने कहा कि याचिका दायर करने वाले 34 में से 23 विदेशी जमातियों को जुर्माना लगाकर छोड़ दिया गया है। नौ विदेशी जमातियों ने मुकदमा लड़ने का फैसला किया है। इनके खिलाफ देश की विभिन्न अदालतों में सुनवाई चल रही है। इस पर पीठ ने कहा कि इनके मामलों की सुनवाई जल्द पूरी करने के लिए क्या किया जा सकता है। मेहता ने कहा कि वह इस बारे में जांच अधिकारी से बात करेंगे और सुनवाई तेज करने के बारे में जानकारी लेंगे।
केंद्र सरकार ने बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि विदेशी नागरिकों को वीजा प्राप्त करने या रद वीजा को जारी रखने का कोई भी मौलिक अधिकार हासिल नहीं है। केंद्र सरकार ने 2,765 विदेशी नागरिकों के वीजा निरस्त करने और उन्हें तबलीगी जमात की गतिविधियों में शामिल होने के कारण प्रतिबंधित करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करने की मांग की थी। केंद्र सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, विदेशी तबलीगी जमात सदस्यों के कुल 2,765 मामलों में से 2,679 के वीजा निरस्त किए जा चुके हैं।