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सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली से मांगा परियोजनाओं का ब्योरा

परियोजनाओं की स्थिति पर आम्रपाली को यह ब्योरा 22 फरवरी यानी गुरुवार तक कोर्ट में देना है। कोर्ट गुरुवार को मामले पर फिर सुनवाई करेगा।

By Manish NegiEdited By: Published: Wed, 21 Feb 2018 09:39 PM (IST)Updated: Wed, 21 Feb 2018 09:39 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली से मांगा परियोजनाओं का ब्योरा
सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली से मांगा परियोजनाओं का ब्योरा

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट ने पैसा अदा करने के बावजूद फ्लैट पाने के लिए भटक रहे होम बायर्स के प्रति संवेदना जताते हुए कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता खरीदार हैं। कोर्ट ने आम्रपाली से जल्दी पूरी हो सकने वाली परियोजनाओं का ब्योरा मांगा है। परियोजनाओं की स्थिति पर आम्रपाली को यह ब्योरा 22 फरवरी यानी गुरुवार तक कोर्ट में देना है। कोर्ट गुरुवार को मामले पर फिर सुनवाई करेगा।

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ये निर्देश बुधवार को न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा व न्यायमूर्ति अमिताव राय की पीठ ने आम्रपाली होम बायर्स की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दिये। मामले पर सुनवाई के दौरान आम्रपाली की ओर से पेश वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार ने कोर्ट को कुल परियोजनाओं और उनकी स्थिति का ब्योरा दिया। वहीं दूसरी ओर फ्लैट खरीदारों की ओर से पेश वकील एमएल लाहौती ने कहा कि इस मामले में 31,200 खरीदार कोर्ट के सामने हैं जिन्होंने कुल 470 करोड़ रुपये दे रखे हैं। बताते चलें कि वैसे तो आम्रपाली के मामले में कुल 42000 होम बायर्स शामिल हैं लेकिन कोर्ट के सामने सिर्फ 31200 लोग ही पहुंचे हैं।

लाहौती ने कहा कि सारे प्रोजेक्टर 30 से 40 महीने देरी से चल रहे हैं। आम्रपाली ने गलैक्सी के साथ मिल कर परियोजनाओं को पूरा करने की बात कही है लेकिन गलैक्सी कंपनी की कुल कैपिटल करीब 40 करोड़ है ऐसे में वो कंपनी कैसे मदद करेगी क्योंकि आम्रपाली पर तो इससे बहुत ज्यादा की देनदारी है। इन दलीलों पर कोर्ट ने आम्रपाली से कहा कि वह कल तक यानी गुरुवार तक उन परियोजनाओं का ब्योरा दें जो लगभग पूरी होने की स्थिति में। कोर्ट ने कहा कि कंपनी बताए कि किस प्रोजेक्ट में कितने टावर हैं और कब तक उनका काम पूरा कर लिया जाएगा। साथ ही ये भी बताए कि इस पर कितना खर्च आएगा।

कोर्ट ने कंपनी से ये भी पूछा है कि एक टावर में कुल कितने फ्लैट हैं। उसमें से कितने फ्लैट अभी नहीं बिके हैं। जब रंजीत कुमार ने इसके लिए कुछ और समय दिये जाने की मांग की तो कोर्ट ने कहा कि जो भी स्थिति है वो गुरुवार को ही बताई जाए। पीठ ने कहा कि उन्हें फ्लैट खरीदारों की चिंता है। कोर्ट ने कहा कि अगर उन्हें ये पता लग जाए कि इन परियोजनाओं को पूरा करने में कितना पैसा लगेगा तो वे इसके लिए दो उपाय कर सकते हैं। एक या तो कंपनी के फ्रीज खाते डिफ्रीज कर देंगे ताकि परियोजनाओं का काम पूरा हो जाए या फिर खरीदारों से कहेंगे कि वे फ्लैट मिलने पर भुगतान की जाने वाली अंतिम किस्त कोर्ट में जमा करा दें और कोर्ट उस पैसे को परियोजना कंपलीट होने के हिसाब से जारी करे।

मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट में नोएडा ग्रेटर नोएडा में आम्रपाली की पांच परियोजनाओं सिलिकान वैली, सेन्चुरियन पार्क, ड्रीम वैली, सफायर और गोल्फ होम के खरीदार फ्लैट की गुहार लगा कर पहुंचे हैं जिनकी याचिकाओं पर कोर्ट सुनवाई कर रहा है।


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