Delhi-NCR Border Dispute: सुप्रीम कोर्ट का केंद्र को निर्देश, दिल्ली-NCR में हो एक पास की व्यवस्था
दिल्ली से एनसीआर के शहरों में आनेजाने में हो रही दिक्कतों पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इसके लिए समान नीति और एक पोर्टल बनाने को कहा है
नई दिल्ली, माला दीक्षित। कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान दिल्ली सरकार ने अपनी सीमाओं को एक सप्ताह के लिए सील कर दिया है। इससे आसपास के शहरों के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। ये मामला कोर्ट पहुंच चुका है। दिल्ली से एनसीआर के शहरों में आनेजाने में हो रही दिक्कतों पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इसके लिए समान नीति और एक पोर्टल बनाने को कहा है, जिससे एक ही पास जारी करने की व्यवस्था हो। कोर्ट ने केंद्र से कहा कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के साथ एक सप्ताह में बैठक कर जरूरी कदम उठाएं।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने-जाने के लिए एक साझा कार्यक्रम और पोर्टल बनाना चाहिए, ताकि लोगों को परेशानी न हो। पीठ में न्यायमूर्ति एसके कौल और एमआर शाह भी शामिल थे। शीर्ष अदालत वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो वकील अनिंदिता मित्रा के माध्यम से दायर की गई थी। इस याचिका में एनसीआर से दिल्ली में प्रवेश करने पर कोरोना वायरस महामारी के कारण लगाई गई कथित सील के मुद्दे को उठाया गया है। पीठ ने एक सुझाव दिया है कि एनसीआर के लिए एक सामान्य पास होना चाहिए, जिसे इन राज्यों में मान्यता दी जानी चाहिए।
सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार की ओर से पेश हुए वकील ने पीठ को सूचित किया कि राज्य ने अपनी सीमाओं पर आवाजाही पर प्रतिबंध हटा दिया है। बता दें कि शीर्ष अदालत ने 15 मई को केंद्र और उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली की सरकारों से इस याचिका पर जवाब मांगा था, जिसमें आरोप लगाया गया है कि एनसीआर के भीतर 'सीमाओं को पूरी तरह से सील करना' और नागरिकों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाना गृह मंत्रालय (MHA) के नए दिशानिर्देश का उल्लंघन है।