Move to Jagran APP

सुप्रीम कोर्ट ने दी बिहार में रेत खनन की अनुमति, कहा- पाबंदी से राजकोष को बड़ा नुकसान, यह निर्देश भी दिए

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को रेत निकालने की गतिविधियां संचालित करने की अनुमति दे दी है। शीर्ष अदालत ने बुधवार को कहा कि वैध बालू खनन पर पूर्ण प्रतिबंध से सरकारी खजाने को बड़ा नुकसान होता है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 10 Nov 2021 09:42 PM (IST)Updated: Wed, 10 Nov 2021 09:49 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट ने दी बिहार में रेत खनन की अनुमति, कहा- पाबंदी से राजकोष को बड़ा नुकसान, यह निर्देश भी दिए
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को रेत निकालने की गतिविधियां संचालित करने की अनुमति है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को राज्य खनन निगम के माध्यम से रेत निकालने की गतिविधियां संचालित करने की अनुमति देते हुए बुधवार को कहा कि वैध बालू खनन पर पूर्ण प्रतिबंध से सरकारी खजाने को बड़ा नुकसान होता है। शीर्ष अदालत ने कहा कि रेत खनन के मुद्दे से निपटते समय पर्यावरण के सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने के लिए टिकाऊ विकास के संतुलित तरीकों को लागू करना जरूरी है।

loksabha election banner

न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने यह निर्देश भी दिया कि बिहार के सभी जिलों में खनन के उद्देश्य के लिए जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार करने की कवायद नए सिरे से की जाएगी। पीठ में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति बीआर गवई भी शामिल हैं।

पीठ ने कहा, 'इस बात की भी अनदेखी नहीं की जा सकती कि जब वैध खनन पर रोक है तब अवैध खनन कुकुरमुत्ते की तरह बढ़ रहा है और इसके नतीजतन रेत माफिया के बीच संघर्ष, अपराधीकरण और कई बार लोगों की जान जाने जैसे मामले आते हैं।'

शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि सार्वजनिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के निर्माण तथा सरकारी व निजी निर्माण गतिविधियों के लिए बालू जरूरी है। पीठ ने कहा कि वैध खनन पर पूरी तरह प्रतिबंध और अवैध खनन को बढ़ावा देने से राजकोष को बड़ा नुकसान होता है।

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के एक आदेश के खिलाफ बिहार सरकार की अपील पर यह आदेश आया है। अधिकरण ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि बांका के लिए नए सिरे से जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार करने की कवायद की जाए।

एनजीटी ने 14 अक्टूबर, 2020 के आदेश में यह भी कहा था कि राष्ट्रीय शिक्षा मान्यता बोर्ड और भारत के प्रशिक्षण/ गुणवत्ता नियंत्रण परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त परामर्शदाताओं के माध्यम से सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार की जानी चाहिए। बिहार निवासी पवन कुमार और अन्य की याचिका पर एनजीटी का आदेश आया था जिसमें कानून के अनुसार तथा अधिकरण के अनेक फैसलों समेत नियामक रूपरेखा के अनुरूप उचित तरीके से रेत खनन की अनुमति देने का अनुरोध किया गया था। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.