सुप्रीम कोर्ट ने एलजी पालिमर के 30 कर्मचारियों को प्लांट तक पहुंचने की दी इजाजत
सर्वोच्च न्यायालय ने वीडियो-कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई में कंपनी की इस दलील पर ध्यान दिया कि उसे और उसके कुछ कर्मचारियों को आपातकालीन पहुंच दी जानी चाहिए
नई दिल्ली, प्रेट्र। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को एलजी पॉलिमर इंडिया लिमिटेड को आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम स्थित जब्त प्लांट तक पहुंचने की इजाजत दी। अदालत ने कंपनी से अपने 30 कर्मियों की सूची उपलब्ध कराने को कहा, जिसे प्रवेश की अनुमति दी जा सकती है। इससे एक दिन पहले ही आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने संयंत्र और उसके परिसर को जब्त करने का आदेश दिया और राज्य सरकार द्वारा नियुक्त समितियों को छोड़कर अन्य के संयंत्र में प्रवेश पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने फर्म के निदेशकों से भी कहा कि वे देश से बाहर न निकलें।
सर्वोच्च न्यायालय ने वीडियो-कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई में कंपनी की इस दलील पर ध्यान दिया कि उसे और उसके कुछ कर्मचारियों को आपातकालीन पहुंच दी जानी चाहिए, क्योंकि संयंत्र के अंदर जहरीले पॉलिमर हैं।
जस्टिस यूयू ललित, एमएम शांतनगौदर और विनीत सरन की पीठ ने कंपनी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद 30 कर्मचारियों को प्लांट तक सीमित पहुंच की मंजूरी दे दी और स्पष्ट किया कि अन्य मामलों पर हाई कोर्ट विचार करेगा। पीठ ने कहा, अंतरिम उपाय के रूप में हम याचिकाकर्ता (फर्म) को 30 कर्मियों की सूची देने की अनुमति देते हैं, जिन्हें संयंत्र तक पहुंच प्रदान की जा सकती है। इन लोगों की सूची मंगलवार दोपहर तीन बजे तक जिलाधिकारी को दी जाएगी। रोहतगी ने कहा कि पहले यह कंपनी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के एक आदेश के खिलाफ आई थी, जिसने गैस रिसाव का स्वत: संज्ञान लेते हुए 50 लाख रुपये के अंतरिम मुआवजे के भुगतान का आदेश दिया था।
सात मई को एलजी पॉलिमर प्लांट से स्टाइरिन गैस लीक होने से एक नाबालिग सहित 12 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि विशाखापत्तनम के पास आरआर वेंकटपुरम में जहरीला रसायन सांस लेने से कई सौ लोग बीमार हो गए थे।