आतंकवाद और मनी लॉन्ड्रिंग मामले की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार, 10 मई को करेगा सुनवाई
इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने आतंकवाद भ्रष्टाचार जैसे अपराधों को अलग-अलग चलाने की मांग पर केन्द्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। वहीं अब कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है।
नई दिल्ली, एएनआइ। आतंकवाद, अलगाववाद, मनी लॉन्ड्रिंग और काले धन मामले पर सुप्रीम कोर्ट 10 मई को सुनवाई करेगा। बेनामी संपत्ति और धारकों की जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है।
बता दें कि इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने आतंकवाद, भ्रष्टाचार, अलगाववाद जैसे विशेष अपराधों में विभिन्न धाराओं में दी गई सजा को एक साथ न चला कर अलग-अलग चलाने की मांग पर केन्द्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई व दीपक गुप्ता की पीठ ने भाजपा नेता व वकील अश्वनी कुमार उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई के बाद ये नोटिस जारी किया था। इससे पहले उपाध्याय ने अपनी याचिका पर स्वयं बहस करते हुए कहा था कि देश की आधी समस्याओं का मूल कारण भ्रष्टाचार है। देश में अलगाववाद, नक्सलवाद या गैरकानूनी घुसपैठ की समस्या हो या सड़क टूटने या पुल गिरने की समस्या हो इस सबका मूल कारण भ्रष्टाचार ही है।
कोर्ट में उपाध्याय ने याचिका में मांग की थी कि कोर्ट आदेश दे कि सीआरपीसी की धारा 31 के उपबंध भ्रष्टाचार, आतंकवाद और अलगाववाद से संबंधित विशेष कानूनों में लागू नहीं होंगे। वहीं, अब सुप्रीम कोर्ट इस पूरे मामले पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया है, कोर्ट ने सुनवाई के लिए 10 मई की तारीख दी है।
मालूम हो कि सीआरपीसी की धारा 31 कहती है कि अलग अलग धाराओं में दी गई सजा एक साथ चलेगी जबतक कि कोर्ट विशेष तौर पर अलग अलग धाराओं में दी गई सजा को अलग अलग भुगतने का आदेश न दे। मांग है कि कोर्ट घोषित करे कि भ्रष्टाचार, आतंकवाद और अलगाववाद के विशेष अपराधों से संबंधित कानूनों में दी गई सजा एक साथ न चल कर अलग अलग यानी हर धारा में दी गई सजा एक के बाद एक चले।
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