बंगाल से पलायन रोकने की मांग संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को राजी
जस्टिस विनीत सरन और जस्टिस बीआर गवई की पीठ को वरिष्ठ अधिवक्ता पिंकी आनंद ने बताया कि बंगाल में चुनाव से जुड़ी हिंसा के कारण एक लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई के लिए राजी हो गया।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सरकार प्रायोजित हिंसा के कारण लोगों का कथित पलायन रोकने के लिए केंद्र और बंगाल सरकार को निर्देश देने की मांग संबंधी एक जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई के लिए राजी हो गया। याचिका में दोषियों के खिलाफ निष्पक्ष जांच और उचित कार्रवाई के लिए एक विशेष जांच दल (एसआइटी) के गठन की मांग भी की गई है।
जस्टिस विनीत सरन और जस्टिस बीआर गवई की पीठ को वरिष्ठ अधिवक्ता पिंकी आनंद ने बताया कि बंगाल में चुनाव से जुड़ी हिंसा के कारण एक लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं। उन्होंने पीठ से कहा कि इस मामले पर तत्काल सुनवाई की जरूरत है क्योंकि लोगों को अपना घर छोड़ने और आश्रय स्थलों व शिविरों में रहने को मजबूर होना पड़ा है। इस पर पीठ ने कहा, 'ठीक है, हम अगले हफ्ते मामले की सुनवाई करेंगे।'
अरुण मुखर्जी, अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं, हिंसा के पीडि़तों और वकीलों की ओर से दाखिल इस याचिका में कहा गया है कि वे दो मई के बाद बंगाल में चुनाव बाद हिंसा से पीडि़त हैं। याचिका में आरोप लगाया गया है कि पुलिस व राज्य प्रायोजित गुंडों में मिलीभगत है और इस वजह से पूरे प्रकरण में पुलिस मूकदर्शक साबित हो रही है। वह पीडि़तों को एफआइआर दाखिल करने के प्रति हतोत्साहित कर रही है और धमकियां दे रही है। पुलिस की उपस्थिति में हुए संज्ञेय अपराधों की जांच नहीं की जा रही है और निष्कि्रयता बरती जा रही है। जीवन पर खतरे का सामना कर रहे लोगों की सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है।