कावेरी जल विवाद में केंद्र सरकार की याचिका पर सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट सहमत
केंद्र सरकार की तरफ से अधिवक्ता वसीम कादरी ने याचिका पर तत्काल सुनवाई करने की मांग की। उनका तर्क था कि इस मामले में सभी संबंधित राज्यों का पक्ष देखा जाना जरूरी है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। कावेरी मामले में तमिलनाडु की अवमानना याचिका के खिलाफ केंद्र ने अपना पक्ष रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्र की बेंच ने कहा कि वह 9 अप्रैल को केंद्र की याचिका पर सुनवाई करेंगे। इसी दिन अवमानना याचिका पर सुनवाई होगी।
केंद्र सरकार की तरफ से अधिवक्ता वसीम कादरी ने याचिका पर तत्काल सुनवाई करने की मांग की। उनका तर्क था कि इस मामले में सभी संबंधित राज्यों का पक्ष देखा जाना जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने बीती 16 फरवरी को ऐतिहासिक फैसला दिया था। कोर्ट ने अपने फैसले में कर्नाटक को तमिलनाडु के लिए 177.25 टीएमसी पानी छोड़ने का आदेश दिया। कावेरी जल विवाद मामला वैसे तो चार राज्यों के बीच नदी के जल बंटवारे का है, लेकिन मुख्य विवाद तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच ही है। कोर्ट के आदेश के बाद कर्नाटक को कुल 284.75 टीएमसी पानी मिलेगा जो कि पहले 270 टीएमसी था, जबकि तमिलनाडु को 419 टीएमसी के बजाए सिर्फ 404.25 टीएमसी ही मिलेगा।
सीएम, डिप्टी सीएम बैठे धरने पर
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी व उप-मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम मंगलवार को भूख हड़ताल पर बैठे। पार्टी की तरफ से यह आयोजन कावेरी मैनेजमेंट बोर्ड के गठन में देरी के विरोध में किया जा रहा है। धरना सुबह आठ बजे शुरू हुआ और शाम पांच बजे तक चला। द्रमुक ने भी राज्य भर में विरोध प्रदर्शन जारी रखा। तिरुचरापल्ली हवाई अड्डे पर टीटीवी दिनाकरण के कार्यकर्ताओं ने भी धरना प्रदर्शन किया। पुलिस का कहना है कि कुछ एएमएमके कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया गया। उधर, भाजपा की राज्य प्रधान टी सुंदरराजन का कहना है कि उनकी पार्टी विवाद का समाधान न्यायिक तरीके से निकालने की पक्षधर है। उनका कहना है कि इस मामले में विरोध प्रदर्शन कर राजनीतिक दल लोगों को केवल गुमराह कर रहे हैं।