चुनावी बॉन्ड योजना के खिलाफ दाखिल नई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट करेगी सुनवाई
electoral bonds scheme केंद्र सरकार ने चुनावी बॉन्ड योजना-2018 में संशोधन किया है जबकि गुमनाम राजनीतिक दान की अनुमति देने की प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 6 दिसंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होना बाकी है।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। सुप्रीम कोर्ट चुनावी बॉन्ड योजना में संशोधन से संबंधित एक नई याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत है। केंद्र सरकार की ओर से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विधान सभा चुनावों के दौरान 15 अतिरिक्त दिनों के लिए चुनावी बांड की बिक्री की अनुमति के लिए योजना में संशोधन किया गया है।
बता दें कि केंद्र सरकार ने चुनावी बॉन्ड योजना-2018 में संशोधन किया है, जबकि गुमनाम राजनीतिक दान की अनुमति देने की प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 6 दिसंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होना बाकी है। वित्त मंत्रालय ने 7 नवंबर को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभा के आम चुनावों के वर्ष में बॉन्ड की बिक्री के लिए 15 दिनों की अतिरिक्त समय प्रदान करने के लिए योजना में संशोधन के लिए एक अधिसूचना जारी की है।
इस योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा निर्दिष्ट किए जाने पर बॉन्ड आम तौर पर जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर के महीनों में दस-दस दिनों की अवधि के लिए ब्रिकी के लिए उपलब्ध होते हैं, जिन्हें कोई भी व्यक्ति खरीद सकता है। मूल योजना में प्रावधान था कि लोकसभा चुनाव वाले वर्ष में बॉन्ड बिक्री के लिए 30 अतिरिक्त दिन प्रदान किए जाएंगे, जबकि नए संशोधन में 15 दिन और जोड़ दिए गए हैं। चूंकि विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विधानसभा चुनाव हर साल होते हैं, इसलिए संशोधन का प्रभावी तौर पर अर्थ यह है कि सालाना 15 अतिरिक्त तारीखों पर यह अपारदर्शी बॉन्ड बेचे जा सकते हैं।