भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को नहीं मिली राहत, पुनर्विचार याचिका 20 अगस्त तक स्थगित
विजय माल्या ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए अपने बच्चों को करीब 280 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे।
नई दिल्ली, एएनआइ। भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट ने 20 अगस्त तक स्थगित कर दिया है। शराब कारोबारी ने कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए अपने बच्चों को 40 लाख डॉलर (करीब 280 करोड़ रुपये) ट्रांसफर किए थे, जिस पर शीर्ष अदालत ने माल्या को इस मामले में अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया था। इसके खिलाफ माल्या ने 2017 में पुनर्विचार याचिका दायर की थी।
Supreme Court adjourns for August 20 the review plea filed by fugitive liquor baron Vijay Mallya (in file pic), who has sought review of its May 2017 order holding him guilty of contempt of court for transferring money to his children in violation of the court's order. pic.twitter.com/rbsAMwRrKD
— ANI (@ANI) August 6, 2020
जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ के समक्ष वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई हुई। रिकॉर्ड में एक दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने के कारण कोर्ट ने मामलों को स्थगित कर दिया। पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अपनी रजिस्ट्री से यह पूछा था कि विजय माल्या की पुनर्विचार याचिका को सुनवाई के लिए लगाने में तीन साल की देरी क्यों हुई।
पीठ ने 16 जून के अपने आदेश में कहा था कि पुनर्विचार याचिका में कही गई बातों पर सुनवाई करने से पहले हम रजिस्ट्री को निर्देश देते हैं कि वो बताए कि तीन साल तक यह याचिका संबंधित कोर्ट में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध क्यों नहीं की गई। उसके बाद ही पुनर्विचार याचिका पर गुणवत्ता के आधार पर विचार किया जाएगा।
बता दें कि माल्या ने बंद हो चुकी अपनी एयरलाइंस कंपनी किंगफिशर के लिए बैंकों से नौ हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। लेकिन कर्ज चुकाए बिना ही लंदन भाग गया। लंदन में उसके प्रत्यर्पण के लिए केस चल रहा है। फिलहाल प्रत्यर्पण के मामले में माल्या के सामने सभी कानूनी रास्ते बंद हो चुके हैं। ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की उसकी याचिका मई में खारिज कर दी गई थी। हालांकि अभी उसके प्रत्यर्पण को लेकर अनिश्चितता कायम है, क्योंकि ब्रिटिश सरकार ने माल्या की तरफ से शरण मांगने संबंधी आवेदन को लेकर कोई स्थिति स्पष्ट नहीं की है।