Indian Railways: पटरी पर दौड़ी 3.5 किमी लंबी ये मालगाड़ी, 295 डिब्बों में लदा 27,000 टन माल
Indian Railways छत्तीसगढ़ के कोरबा और नागपुर के राजनंदगांव के बीच चलने वाली इस मालगाड़ी में 27000 टन कोयला लदा था। आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर 15 अगस्त को इस ट्रेन का ट्रायल रन किया गया. यह ट्रेन आजादी का अमृत महोत्सव का एक खास हिस्सा बनी।
बिलासपुर, जेएनएन। निरंतर नवाचार कर रहे भारतीय रेलवे ने स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अंतर्गत एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे जोन बिलासपुर में 15 अगस्त को 3.5 किलोमीटर लंबी ऐसी मालगाड़ी चलाई गई जिसमें छह इंजन और 295 वैगन लगे थे। मालगाड़ी में 27,000 टन कोयला लदा था जो छत्तीसगढ़ में कोरबा से 260 किमी दूर राजनांदगांव के परमकला तक 11 घंटे 20 मिनट में पहुंचाया गया। इससे रेलवे को मालभाड़े के रूप में 2.54 करोड़ रुपये मिले।
रेल मंत्री ने ‘सुपर वासुकी’ को लेकर किया ट्वीट
पांच मालगाड़ियों को जोड़कर बनाई गई इस मालगाड़ी का नाम रेलवे ने ‘सुपर वासुकी’ रखा है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस उपलब्धि को अपने ट्विटर हैंडल पर भी साझा किया और इसे देश की सबसे लंबी मालगाड़ी बताया। दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे लगातार इस तरह के सफल प्रयोग कर रहा है।
इससे पहले 22 जनवरी 2021 को पांच खाली मालगाड़ियां जोड़कर भिलाई से कोरबा लाई गई थीं। इसे वासुकी नाम दिया गया था। इनके अलावा एनाकोंडा, सुपर एनाकोंडा, शेषनाग नाम से भी लंबी दूरी की ट्रेनों का परिचालन बिलासपुर जोन से किया जा चुका है।
स्टाफ की बचत, यातायात का दबाव भी कम
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि एक साथ तीन या पांच मालगाड़ियों को जोड़कर परिचालन से न केवल स्टाफ की बचत होती है, बल्कि रेलवे ट्रैक पर यातायात का दबाव भी कम होता है। इससे बिजली घरों तक समय पर कोयला पहुंचाया जा सकता है।