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    'अकेली कोठरी में...', बांग्लादेश की जेल में बंद गर्भवती महिला सोनाली की हुई वापसी, बताया किस तरह बिताए 5 महीने

    Updated: Sun, 07 Dec 2025 04:13 PM (IST)

    पांच महीने बाद, गर्भवती सोनाली खातून अपने बच्चों से मिलीं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बांग्लादेश से लौटी सोनाली को रामपुरहाट अस्पताल में भर्ती कराया गया ...और पढ़ें

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    बांग्लादेश भेजी गई गर्भवती सोनाली की घर वापसी (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पांच महीने तक बच्चों और परिवार से दूर रहने के बाद गर्भवती सोनाली खातून की आखिरकार अपने घर और अपने बच्चों से मुलाकात हो गई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बांग्लादेश से भारत लौटी सोनाली को शनिवार को पश्चिम बंगाल के रामपुरहाट सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी डिलीवरी इसी महीने या अगले महीने की शुरुआत में होने की उम्मीद है।

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    छह साल की आफरीन अस्पताल के बाहर कैमरों की भीड़ के बीच खिलखिला रही थी, जब उसकी मां सोनाली को स्ट्रेचर पर अंदर ले जाया जा रहा था। जून में दिल्ली पुलिस ने सुनाली को बांग्लादेशी होने के शक में गिरफ्तार किया था और बाद में उन्हें बांग्लादेश भेज दिया गया। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से वह अपने आठ साल के बेटे साबिर के साथ भारत लौटी हैं और शुक्रवार को मालदा बॉर्डर सेन्हें वापस लाया गया।

    सोनाली ने बताया कि बांग्लादेश की जेल में उनका समय बहुत कष्ट में गुजरा। उन्होंने कहा, "मुझे अकेली कोठरी में रखा जाता था। साबिर को मेरे साथ रहने दिया गया, लेकिन पति दानेश को अलग ले जाया गया। उनकी अब भी चिंता है। साथ ही स्वीटी बीबी और उसके बच्चों की भी चिंता है, जो अभी भी वापस नहीं आए हैं।”

    बच्चों से मिला परिवार

    आफरीन बांग्लादेश भेजे जाने से बच गई थी, क्योंकि गिरफ्तारी के समय वह अपने दादा-दादी के साथ रह रही थी। पांच महीने बाद उसने अपनी मां और भाई को अस्पताल में देखा और मुस्कुराते हुए बोली, "वो मेरी मां हैं।"

    सोनाली ने कहा, "मेरी बेटी और परिवार से दोबारा मिलना बहुत बड़ी राहत है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के समर्थन के बिना यह संभव नहीं था।"अस्पताल ने सुनाली की मां ज्योत्सना बीबी और दोनों बच्चों को उनके साथ रहने की इजाजत दे दी है, ताकि डिलीवरी तक परिवार साथ रह सके।

    कानूनी लड़ाई और अगला कदम

    स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उन्हें मालदा से रामपुरहाट अस्पताल पहुंचाया, रास्ते में पैकर गांव में परिवार ने उनका स्वागत किया। टीएमसी सांसद समीरुल इस्लाम, जिन्होंने सोनाली और अन्य पांच लोगों का केस लड़ा, उन्होंने कहा, "यह कमजोरों की जीत है। केंद्र सरकार ने एक भारतीय महिला को गलत तरीके से बांग्लादेश भेज दिया था।"

    उनके अनुसार, अब अगला लक्ष्य उन चार अन्य लोगों की वापसी सुनिश्चित करना है, जो अभी भी बांग्लादेश में फंसे हुए हैं। टीएमसी विधायक डॉ. मोसर्रफ हुसैन ने कहा कि अस्पताल में सोनाली के इलाज का खर्च वे खुद उठाएंगे।

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