ठोस कचरा प्रबंधन पर सभी राज्यों के मुख्य सचिव एनजीटी में तलब
एनजीटी ने सभी मुख्य सचिवों को ठोस कचरा प्रबंधन पर अपनी-अपनी कार्रवाइयों की एक महीने के भीतर समीक्षा करने के लिए कहा है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। ठोस कचरे में कमी लाने में असफल रहने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने अधिकारियों की जमकर फटकार लगाई है। ट्रिब्यूनल ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को एक मार्च से उनकी कार्रवाई की स्थिति रिपोर्ट और तात्कालिक भावी योजना के साथ पेश होने का निर्देश दिया है।
एनजीटी ने सभी मुख्य सचिवों को ठोस कचरा प्रबंधन पर अपनी-अपनी कार्रवाइयों की एक महीने के भीतर समीक्षा करने के लिए कहा है। इसके बाद एक मार्च से एक-एक करके सभी मुख्य सचिवों को अपनी-अपनी रिपोर्ट के साथ पेश होना होगा। सबसे पहले जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव तलब किए गए हैं। ट्रिब्यूनल ने साफ किया है कि मुख्य सचिव अपने स्थान पर किसी और अधिकारी को नहीं भेज सकेंगे। हालांकि पहले से सूचना देकर वह प्रस्तुत होने की तारीख में बदलाव करवा सकेंगे।
मालूम हो कि भारत में प्रतिदिन 1.5 लाख टन ठोस कचरा पैदा होता है, जबकि मुंबई दुनिया का पांचवां सबसे ज्यादा कचरा पैदा करने वाला शहर है। एनजीटी के चेयरमैन आदर्श कुमार गोयल ने कहा, 'अभी भी सिर्फ 83 फीसद कचरा एकत्रित किया जा रहा है और 30 प्रतिशत से कम का ट्रीटमेंट किया जा रहा है। विश्व बैंक के मुताबिक, 2025 तक भारत में प्रतिदिन 3.77 लाख टन कचरा पैदा होने लगेगा। जब तक इस समस्या से निपटा नहीं जाता तब तक नागरिकों के स्वास्थ्य और जिंदगी पर इसका प्रभाव भयानक हो सकता है।'