'जाधवपुर विश्वविद्यालय में 'योगी का विरोध' दर्शाता है वामपंथियों की हताशा'
भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, 'जादवपुर विश्वविद्यालय की घटना कोई नई बात नहीं है।
नई दिल्ली, एएनआई। भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि पश्चिम बंगाल के जादवपुर विश्वविद्यालय में छात्रों द्वारा देश विरोधी और 'आजादी' के नारे स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा के खिलाफ लगाने की घटना वामपंथियों की हताशा को दर्शाती है, जो हिंदू राष्ट्रवादी संगठन की लोकप्रियता को देख चिंतित हैं।
भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, 'जादवपुर विश्वविद्यालय की घटना कोई नई बात नहीं है। हाथी अपनी मदमस्त चाल में चलता रहता है और कुत्ते भौंकते रहते हैं। आरएसएस एक बड़ा संगठन है और इसका प्रभाव बंगाल में भी बढ़ रहा है, इसलिए वे सभी चिंतित और हताश हैं।'
दरअसल, पश्चिम बंगाल के जादवपुर विश्वविद्यालय में देश विरोधी नारे लगाए गए। एक वीडियो सामने आया जिसमें विश्वविद्यालय के फाइन आर्ट्स विभाग के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्र कश्मीर, मणिपुर और नगालैंड के लिए आजादी के नारे लगा रहे हैं। ये छात्र परिसर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सेमिनार का विरोध कर रहे थे।
वीडियो में नजर आ रहे कुछ छात्रों ने हाथों में बोर्ड भी पकड़ रहे थे, जिनपर लिखा था- 'आरएसएस से चाहिए आजादी', 'योगी नए ट्रंप हैं, सफेद वर्चस्व का ब्राह्मणवादी संस्करण' और 'आजादी आजादी आजादी'।
गौरतलब कि पिछले साल फरवरी माह में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में भी देश विरोधी नारे लगाए गए थे। इस मामले में जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार, छात्र उमर खालिद और अनिर्बन भट्टाचार्य पर देशद्रोह का केस दर्ज हुआ है। अब देखना है कि जादवपुर विश्वविद्यालय में देश विरोधी नारे लगाने वाले छात्रों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है।
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