SIMI पर पांच सालों के लिए बढ़ाया गया प्रतिबंध, राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहा संगठन
स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (Students Islamic Movement of India) के खिलाफ भारत सरकार ने यूएपीए के तहत पांच सालों की अवधि के लिए इस संगठन को ...और पढ़ें

एएनआई, नई दिल्ली। स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (Students Islamic Movement of India) के खिलाफ भारत सरकार ने कड़ा एक्शन लिया है। गृह मंत्रालय ने आज (29 जनवरी) यूएपीए के तहत पांच सालों की अवधि के लिए इस संगठन को 'गैरकानूनी संघ' करार दिया है। बता दें कि यह एक प्रतिबंधित संगठन है।
देश की शांति के लिए संगठन बन रहा खतरा: गृह मंत्री
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के दृष्टिकोण को मजबूत करते हुए, सिमी को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत पांच साल की अवधि के लिए 'गैरकानूनी संघ' घोषित किया गया है।
अमित शाह ने कहा, "सिमी को भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता को खतरे में डालने के लिए आतंकवाद को बढ़ावा देने, शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने में शामिल पाया गया है।"
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एक अधिसूचना मे केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि सिमी अपनी विध्वंसक गतिविधियों को जारी रख रहा है और अपने कार्यकर्ताओं को फिर से संगठित कर रहा है जो अभी भी फरार हैं। यह संगठन साम्प्रदायिकता, वैमनस्य पैदा करके, राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश में जुटी है।
1977 में हुई थी संगठन की स्थापना
कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा था कि यह संगठन देश में इस्लामिक जिहाद फैलाने के कृत्य में संलिप्त है। बता दें कि यह सिमी एक प्रतिबंधित इस्लामिक छात्र संगठन है। संगठन की स्थापना 25 अप्रैल 1977 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुई थी।
साल 2001 में पहली बार सिमी को आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त रहने के कारण प्रतिबंधित किया गया था, जब अटल बिहारी वाजपेयी सरकार सत्ता में थी। इसके बाद 2008 में संगठन से कुछ दिन के लिए बैन हटाया गया। हालांकि, राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर संगठन पर उसी साल फिर से बैन लगा दिया गया।

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