आईआईएम इंदौर: खाने से बिगड़ी छात्रों की तबीयत, मेस कॉन्ट्रैक्टर पर 7 लाख जुर्माना
आईआईएम के पांच वर्षीय कोर्स इंटीग्रेटेड कोर्स ऑफ मैनेजमेंट (आईपीएम) के हॉस्टल के दो-तीन छात्र अगस्त में खाना खाने के बाद बीमार हो गए थे।
लोकेश सोलंकी, इंदौर। नईदुनिया छात्रों को गुणवत्ताहीन खाना परोसने पर आईआईएम इंदौर प्रशासन ने मेस कॉन्ट्रैक्टर पर 7 लाख का जुर्माना लगाया है। फूड पॉइजनिंग की समस्या के बाद कुछ छात्रों ने शिकायत रजिस्टर में खाने को लेकर असंतुष्टि जताई थी। मेस संचालक ने इसे गलत करार देकर अपील की। जांच के लिए आईआईएम के अधिकारियों ने पहले कैंपस में हो रही ऑनलाइन फूड डिलीवरी का डेटा विश्लेषण किया। पुष्टि होने पर कार्रवाई के लिए गुपचुप मेस के सैकड़ों फोटो इकट्ठे किए गए।
आईआईएम के पांच वर्षीय कोर्स इंटीग्रेटेड कोर्स ऑफ मैनेजमेंट (आईपीएम) के हॉस्टल के दो-तीन छात्र अगस्त में खाना खाने के बाद बीमार हो गए थे। छात्रों ने हॉस्टल के मेस नंबर-5 में गुणवत्ताहीन खाने को इसकी वजह बताया। आईआईएम के अधिकारियों ने मेस संचालक को तलब किया। संचालक ने कहा कि खाना खराब होता तो उससे पूरे हॉस्टल को परेशानी होती। हालांकि छात्र शिकायत पुस्तिका में लगातार मेस के खाने को लेकर लिख रहे थे। इस पर आईआईएम प्रशासन ने मेस संचालक को बीते महीने कारण बताओ नोटिस दिया।
आईआईएम के अधिकारियों के मुताबिक नोटिस के बाद कार्रवाई का निर्णय करने के पहले पारदर्शी सुनवाई होना जरूरी थी। साथ ही निष्पक्ष जांच भी जरूरी थी। अधिकारियों ने ध्यान दिया कि शहर से दूर बसे कैंपस में ऑनलाइन फूड डिलीवरी देने वाले अचानक ज्यादा नजर आने लगे हैं। फूड डिलीवरी करने वालों को कैंपस में दाखिल होने के लिए गेट के सुरक्षा रजिस्टर में एंट्री करने के साथ डिलीवरी लेने वाले का नाम भी दर्ज करना होता था।
आईआईएम ने डेटा विश्लेषण किया तो पता चला कि बाहर का खाना ऑर्डर करने वालों में ज्यादातर उसी बैच के छात्र हैं, जिस हॉस्टल ब्लॉक के मेस को लेकर खराब खाने की शिकायत मिल रही है। इसके बाद अधिकारियों ने छात्रों से ही मेस के खाने और गंदगी के फोटो इकट्ठा करना शुरू किया। दो अधिकारियों ने ढाई सौ से ज्यादा फोटो इकट्ठे किए, जिनमें मेस की गंदगी या अव्यवस्था नजर आ रही थी। मेस कॉन्ट्रैक्टर और कार्रवाई के लिए बनी कमेटी के सामने सारे सबूत पेश किए गए। कॉन्ट्रैक्टर से कहा गया कि मेस की पूरी फीस चुकाने के बावजूद छात्रों को सिर्फ इसलिए बाहर से खाना मंगवाना पड़ रहा है क्योंकि गुणवत्ता खराब है। कॉन्ट्रैक्टर को गलती मानना पड़ी। इसके बाद बुधवार को उसे 7 लाख रुपए बतौर जुर्माने के तौर पर जमा करने का आदेश दे दिया गया।
आईआईटी से डरे
प्रदेश के किसी भी शिक्षण संस्थान में मेस के खाने को लेकर आईआईएम इंदौर द्वारा की गई कार्रवाई को सबसे कड़ी कार्रवाई बताया जा रहा है। बीते दिनों आईआईटी इंदौर में हॉस्टल के खराब खाने पर छात्रों ने आईआईटी डायरेक्टर डॉ. प्रदीप माथुर का आवास घेर लिया था। आईआईएम किसी भी कीमत पर अपने यहां आईआईटी जैसी स्थिति बनने देना नहीं चाहता था। साथ ही छात्रों के बीच संदेश भी देना चाहता था कि उनकी परेशानी पर ध्यान दिया जाता है। आईआईएम के प्रशासनिक अधिकारी कर्नल गुरुनाथ गोपीनाथ पामिडी का कहना है छात्रों की किसी भी शिकायत और परेशानी को लेकर आईआईएम का रुख हमेशा से गंभीर है। मेस के मामले में भी कमेटी ने उचित कार्रवाई की है ताकि ऐसी स्थिति फिर न बने।