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पाक अकड़ में, भविष्य भंवर में

पाकिस्तानी गोलीबारी से सबसे ज्यादा प्रभावित विद्यार्थी वर्ग है। सीमा से सटे क्षेत्रों में पड़ोसी देश की नापाक मंसूबे के कारण प्रशासन ने स्कूल बंद कर दिए हैं तो दूर के विद्यालय शरणार्थी शिविरों में तब्दील हो चुके हैं। ऐसे में दोनों जगहों पर विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है। कुछ दिनों की बात होती तो कोर्स क

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Fri, 10 Oct 2014 09:28 AM (IST)Updated: Fri, 10 Oct 2014 09:34 AM (IST)
पाक अकड़ में, भविष्य भंवर में

बिश्नाह, [सतीश शर्मा]। पाकिस्तानी गोलीबारी से सबसे ज्यादा प्रभावित विद्यार्थी वर्ग है। सीमा से सटे क्षेत्रों में पड़ोसी देश की नापाक मंसूबे के कारण प्रशासन ने स्कूल बंद कर दिए हैं तो दूर के विद्यालय शरणार्थी शिविरों में तब्दील हो चुके हैं। ऐसे में दोनों जगहों पर विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है। कुछ दिनों की बात होती तो कोर्स कवर भी कराया जा सकता था, लेकिन यहां तो पिछले दो महीनों से पाकिस्तान बेवजह गोलाबारी कर रहा है। ऐसे में हजारों बच्चों को अब साल खराब होने की चिंता सताने लगी है।

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सीमावर्ती क्षेत्रों के गांवों से हजारों की संख्या में लोग पलायन करके स्कूलों, पंचायत घरों, कम्यूनिटी सेंटरों में शरण लिए हुए हैं। प्रशासन ने सीमावर्ती क्षेत्रों के स्कूलों को दो दिन आठ व नौ अक्टूबर के लिए बंद कर दिया है। मौजूदा हालत ऐसे हैं कि आने वाले समय में स्कूलों के खुलने के आसार नहीं हैं। इस समय लोगों की प्राथमिकता अपनी जान बचाना है। कुछ स्कूलों में अभी अ‌र्द्धवार्षिक परीक्षाएं होनी है। बच्चे इस हालात में तैयारी कैसे कर सकते हैं। जीरो लाइन पर स्थित गांव काकू दे कोठे के अधिकतर लोग पलायन करके इन दिनों रेहाल हायर सेकेंडरी स्कूल में बने राहत कैंप में डेरा डाले हुए हैं। जिन स्कूलों में राहत कैंप चल रहे है वे भी सरकार ने ग्यारह अक्टूबर तक बंद कर दिए हैं। उन बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। निशा कुमारी, मोना कुमारी, सरिता देवी अपने अभिभावकों के साथ रेहाल हायर सेकेंडरी स्कूल के राहत कैंप में शरण लिए हुए हैं। उन्हें अपनी पढ़ाई की चिंता सता रही है। ग्यारहवीं कक्षाओं की इन छात्राओं का कहना है कि गोलीबारी के कारण उनका भविष्य दांव पर लग गया है। पिछले तीन महीनों के दौरान दूसरी बार पलायन करना पड़ा है। आगे बारहवीं कक्षा है। ऐसे में वे प्रतिस्पर्धा की परीक्षा कैसे दे पाएंगे।

हायर सेकेंडरी स्कूल रेहाल, हायर सेकेंडरी स्कूल सलैड़, हाई स्कूल दियोली व कुछ अन्य स्कूलों में राहत कैंप चल रहे हैं। इन स्कूलों में तीन हजार से अधिक विद्यार्थी पढ़ते हैं। इन बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। बच्चों के अभिभावक यह मांग कर रहे हैं कि शरणार्थी कैंपों में ही पढ़ाई के बंदोबस्त किए जाएं।

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