पराली जलाने के मामलों में आई कमी, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को हलफनामे के जरिए दी जानकारी
पराली जलाने का सीजन वैसे तो अभी खत्म नहीं हुआ है लेकिन अब तक की स्थिति को देखें तो पिछले साल के मुकाबले पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है। इसमें कहा गया है कि पराली जलाने से रोकने के लिए उठाए गए कदमों के चलते कमी आई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पराली जलाने का सीजन वैसे तो अभी खत्म नहीं हुआ है, लेकिन अब तक की स्थिति को देखें तो पिछले साल के मुकाबले पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने गुरुवार को इससे संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान एक हलफनामा दाखिल कर अब तक की स्थिति से सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया है। इसमें कहा गया है कि पराली जलाने से रोकने के लिए उठाए गए कदमों के चलते इस बार कमी दर्ज की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल पराली जलाने के मामले की सुनवाई को दीपावली के बाद तक के लिए टाल दिया है। साथ ही कहा है कि इस बीच पक्षकार अपनी राय दे सकते हैं। कोर्ट को सौंपे गए हलफनामे में मंत्रालय ने बताया है कि पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाने के लिए उठाए गए कदमों का असर दिख रहा है। अकेले पंजाब में ही इस बार 15 सितंबर से 25 अक्टूबर के बीच सिर्फ 2446 घटनाएं दर्ज हुई हैं, जबकि पिछले साल इस अवधि में 7429 घटनाएं दर्ज हुई थीं।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर रोकथाम को लेकर उठाए गए कदमों की भी दी जानकारी
हरियाणा में भी इस अवधि के दौरान इस बार पराली जलाने की 1027 घटनाएं दर्ज हुई हैं, जबकि पिछले साल 1091 घटनाएं दर्ज की गई थीं। वहीं उत्तर प्रदेश में इस अवधि के दौरान सिर्फ 30 घटनाएं दर्ज हुई हैं। पिछले साल इस दौरान 54 घटनाएं दर्ज हुई थीं। मंत्रालय ने इसके साथ ही हलफनामे में दिल्ली-एनसीआर में होने वाले प्रदूषण पर रोकथाम को लेकर उठाए गए कदमों की भी जानकारी साझा की है।
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