सीवर व्यवस्था सुदृढ़ होने से निर्मल होगी यमुना
यमुना को निर्मल बनाने के लिए शुरू हुए प्रयासों के बीच टेरी यूनिवर्सिटी का मानना है कि पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में सीवर व्यवस्था बनानी होगी। साथ ही यमुना में समुचित प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए हथिनीकुंड बैराज से सर्दियों के मौसम में पर्याप्त जल छोड़ना होगा। टेरी की रिपोर्ट में राजधानी दिल्ली
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। यमुना को निर्मल बनाने के लिए शुरू हुए प्रयासों के बीच टेरी यूनिवर्सिटी का मानना है कि पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में सीवर व्यवस्था बनानी होगी। साथ ही यमुना में समुचित प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए हथिनीकुंड बैराज से सर्दियों के मौसम में पर्याप्त जल छोड़ना होगा।
टेरी की रिपोर्ट में राजधानी दिल्ली में मौजूदा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट [एसटीपी] को दुरुस्त करने तथा नए एसटीपी भी लगाने की सिफारिश की गई है। दरअसल एनसीआर में सीवेज व्यवस्था दुरुस्त करने की जरूरत इसलिए है कि दिल्ली में यमुना महज 22 किलोमीटर बहती है लेकिन सबसे ज्यादा प्रदूषण यहीं से होता है। रिपोर्ट में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि सीवेज ट्रीट करने के बाद जल का पुन: सिंचाई या उद्योगों के लिए इस्तेमाल किया जाए।
केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने भी मंगलवार को कहा कि ट्रीट किए हुए जल को नदी में नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार गंगा को निर्मल बनाने के लिए जो मानदंड तय कर रही है, उसमें एक यह भी होगा कि ट्रीट किया हुआ जल भी नदी में न जाए। उसे किसी और कार्य में इस्तेमाल किया जाए।