सावधान! दूसरे का काला धन अपने खाते में डालने वालों की खैर नहीं
दूसरों का पैसा अपने खाते में जमा कराने पर दोषी पाए जाने पर इनकम टैक्स कानूनों के तहत दोनों पक्षों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ढाई लाख रुपये तक के पुराने नोट खाते में डालने वाले यूं तो सुरक्षित हैं, लेकिन इसी बहाने दूसरों का काला धन खपाने की कोशिश कर रहे लोगों को भविष्य में मुश्किल हो सकती है। सरकार ऐसे लोगों पर आयकर चोरी में मदद करने का मामला मानकर कार्रवाई करेगी।
खास बात यह है कि आयकर विभाग प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत खुले बैंक खातों में जमा हो रही राशि पर भी नजर रख रहा है। काले धन को मानवता के विरुद्ध अपराध करार देते हुए सरकार ने इसे जड़ से मिटाने के लिए लोगों से सहयोग की अपील की है। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि दूसरे लोगों के बैंक खातों का इस्तेमाल कर टैक्स चोरी का प्रयास करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह बयान उन खबरों के बाद आया है जिनमें कहा गया था कि कुछ लोग अपने काले धन को सफेद बनाने के लिए कही जगहों पर दूसरों के बैंक खाते में राशि जमा कर रहे हैं। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि किसी भी बैंक खाते में ढाई लाख रुपये तक जमा की गई राशि पर कोई हिसाब नहीं मांगा जाएगा, लेकिन जो लोग दूसरों के बैंक खाते में अपना काला धन जमा कर रहे हैं उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे लोग खाताधारक को कुछ राशि दे रहे हैं। इस तरह टैक्स चोरी में उसकी मदद ले रहे हैं।
मंत्रालय ने फिर कहा कि सरकार जन धन योजना के तहत खुले खातों पर भी नजर रख रही है। ऐसे में अगर यह पता चलता है कि किसी खाते में जमा राशि उस व्यक्ति की नहीं है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकि लोग अपनी घरेलू बचत को खाते में जमा कर सकते हैं।देशभर में जन धन के 25 करोड़ से अधिक खाते हैं। इनमें से 23 प्रतिशत खातों कोई धनराशि जमा नहीं है।
बाकी खातों में कुल मिलाकर 45,600 करोड़ रुपये से अधिक राशि जमा है। पांच सौ और हजार रुपये के पुराने नोट बंद होने के बाद इन खातों में कितनी राशि आई, आधिकारिक तौर पर इसके आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन सूत्रों का कहना है कि 100 करोड़ रुपये से अधिक रकम पुराने नोट के माध्यम से इन खातों में जमा हो चुकी है।
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