निजी अस्पतालों को सरकार की चेतावनी, कोरोना मरीजों का नहीं किया इलाज तो दर्ज होगा आपराधिक केस
कर्नाटक सरकार ने कहा है कि कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज करने से मना करने वाले निजी अस्पतालों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए जाएंगे।
बेंगलुरु (कर्नाटक), एएनआइ। निजी अस्पतालों को लेकर कर्नाटक सरकार सख्त नजर आ रही है। राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ केके सुधाकर ने चेतावनी देते हुए कहा है कि कोरोना वायरस के मरीजों को इलाज से मना करने वाले अस्पतालों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए जाएंगे।
उन्होंने विधान सौधा में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, 'किसी भी अस्पताल को मरीजों को भर्ती करने से इनकार नहीं करना चाहिए और अगर कोई अस्पताल इलाज से इनकार करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए जाएंगे।'
उन्होंने जयनगर जनरल अस्पताल और राजीव गांधी चेस्ट अस्पताल का औचक निरिक्षण करने के बाद मीडियाकर्मियों से बात की। निजी अस्पतालों द्वारा कोरोना वायरस के रोगियों का इलाज से इनकार करने संबंधी सवालों के जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार कोरोवा वायरस के रोगियों के इलाज के लिए 6 अलग-अलग प्रणालियों लेकर आई है। जिसमें कोरोना देखभाल केंद्र, सरकारी मेडिकल कॉलेज, निजी मेडिकल कॉलेज, सरकारी अस्पताल, कॉर्पोरेट अस्पताल और उचित सुविधाओं के साथ होम आइसोलेशन है।
डॉ सुधाकर ने दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और बेंगलुरु सहित देश के 4 महानगरों के आंकड़े देते हुए कहा कि बेंगलुरू में मृत्यु दर 1.46 फीसद है। हमारा उद्देश्य विशेष रूप से निजी प्रयोगशालाओं में क्षमता का अधिकतम उपयोग करके परीक्षण बढ़ाना है। एक बार जब हम परीक्षण बढ़ाते हैं, तो यह स्वाभाविक है कि सकारात्मक मामले भी बढ़ेंगे।
मंत्री ने कहा कि नागरिकों को इससे घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सभी एहतियाती कदम उठाने चाहिए। बुखार और खांसी आने पर नजदीकी क्लीनिक में जांच करवाने करवाए। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन के बारे में जल्द ही दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे। बेंगलुरू में 400 एंबुलेंस तैनात की जाएंगी और प्रत्येक वार्ड में लिए 2 एंबुलेंस होंगे।
सुधाकर ने कहा कि यदि निजी अस्पताल मरीजों को भर्ती करने से इनकार करते हैं, ऐसे में लोगों की सहायता के लिए 1912 हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है, जिसपर कॉल करके शिकायत की जा सकती है। यदि मरीज निजी अस्पताल में भर्ती होता है, तो सरकार द्वारा निर्धारित दरों के अनुसार मरीजों द्वारा स्वेच्छा से इलाज का खर्च वहन किया जाएगा।