मोबाइल का जहर उतारने को फेमस हो रहा 'टेक फ्री वेकेशन', ये है नया टूरिज्म
भारत व ब्रिटेन समेत दुनिया के कई देशों में फेमस हो रहा डिजिटल डिटॉक्स टूरिज्म। ये नए तरह का पर्यटन है, जो आपको तकनीक से दूर रख प्रकृति के करीब लाता है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। छुट्टी मतलब सुकून देने वाला पल, सूरज, समुद्र और रेत का किनारा। क्या आपकी छुट्टियां ऐसे बीतती हैं। जाहिर है कि ज्यादातर का जवाब न होगा। दरअसल आज के डिजिटल युग में हमारी छुट्टियों की शुरुआत भी सोशल मीडिया, स्मार्टफोन या ऐसे ही किसी डिवाइस के साथ होती है। ये हमें जिंदगी की भागदौड़ से अपडेट तो करते हैं, लेकिन दिमागी तौर पर सुकून प्रदान नहीं करते। इनकी मौजूदगी में हम बिना कुछ किये या छुट्टी के दिन बिस्तर पर लेटे हुए भी आराम नहीं कर सकते।
ऐसे में ब्रिटेन समेत दुनिया के कई देशों में डिजिटल डिटॉक्स हॉलिडे इन दिनों काफी फलफूल रहा है। डिजिटल डिटॉक्स हॉलिडे, मतलब डिजिटल दुनिया के जहर को बाहर निकालना। आज के युग में बहुत कम लोगों के लिए ये पूरी तरह से संभव होगा, ऐसे में लोग कुछ समय के लिए खुद को डिजिटल दुनिया से दूर रखते हैं। भारत व ब्रिटेन समेत दुनिया भर में ऐसे डिजिटल डिटॉक्स हॉलिडे काफी फेमस हो रहे हैं।
भारत में विपश्यना डिजिटल डिटॉक्स हॉलिडे भारत में काफी समय से प्रचलित है। यहां पर इसे विपश्यना या विपस्सना कहा जाता है। ये मुख्यतः मेडिटेशन का ही एक रूप है। इसमें योगा से लेकर सात्विक भोजन और कई तरह के औषधिक उपचार तक शामिल हैं। इसमें मुख्य शर्त ये होती है कि आपका बाहरी दुनिया से कोई संपर्क नहीं रहेगा। मतलब आप न तो सोशल मीडिया खंगाल सकते है और न ही ईमेल चेक कर सकते है। यहां तक कि आप मोबाइल से सेल्फी भी नहीं ले सकते हैं। जिन लोगों को ये किसी बंदिश की तरह लग रहा होगा, उन्हें ये जानकर हैरानी होगी कि इस तरह के पर्यटन स्थल पर जाने के लिए आपको अच्छी-खासी रकम भी खर्च करनी पड़ती है।
डिवाइस यूज करने के लिए भी खर्च करनी पड़ती है रकम डिजिटल डिटॉक्स हॉलिडे के दौरान ऐसे लोग जो मोबाइल, टैबलेट व लैपटॉप आदि के बिना नहीं रह सकते हैं, उन्हें थोड़ी देर के लिए अपने ही इन डिवाइस का इस्तेमाल करने की फीस देनी पड़ती है। ब्रिटेन में ऐसे कई होटल हैं, जो लोगों को कुछ समय के लिए डिजिटल डिटॉक्स हॉलिडे के दौरान तकनीक से दूर रखने का प्रयास करते हैं। अमेरिका में भी कुछ होटलों ने डिजिटल डिटॉक्स हॉलिडे की शुरूआत कर दी है। यहां इनके फोन यूजर से लेकर लॉक कर दिए जाते हैं।
प्रकृति से मिलते हैं डिजिटल डिटॉक्स हॉलिडे के दौरान
पर्यटक को तकनीक से दूर कर प्रकृति के पास लाया जाता है। उसे प्राकृतिक नजारों और पेड़-पौधों का आनंद लेने की आदत डाली जाती है। इससे वह प्रकृति के पास तो आते ही हैं, साथ ही उसका महत्व भी समझते हैं। इनमें से ज्यादातर लोग फिर स्थाई तौर पर अपने दैनिक जीवन में कुछ पल तकनीक से दूर रहकर प्रकृति के करीब बिताने लगते हैं। उनके लिए किसी तरह का चमत्कारिक और एकदम नया अनुभव होता है। ये एक तरह से काम से पूरी तरह से मुक्त करने वाली छुट्टियां होती हैं।
काफी मुश्किल भरा होता है पहला दिन
पहले दिन काफी घबराहट होती है दिल्ली की एक बहुराष्ट्रीय आईटी कंपनी में काम करने वाली शैली बताती हैं कि उन्होंने पिछले वर्ष नए साल का जश्न एक सुदूर इलाके में प्रकृति के बीच डिजिटल डिटॉक्स हॉलिडे पर मनाया था। इस बार भी उन्होंने इसकी प्लानिंग कर रखी है। नए साल के मौके पर फोन पर मैसेज और कॉल काफी बढ़ जाती हैं, ऐसे वक्त में खुद को मोबाइल और लैपटॉप से दूर रखना काफी मुश्किल था। इस तरह के हॉलिडे पर पहली बार आने वाले ज्यादातर लोगों का पहले दिन का अनुभव ऐसा ही मुश्किल भरा होता है।
अंतिम दिन दिखता है ऐसा बदलाव
विपश्यना केंद्र पर उन्हें बताया गया कि यहां आने वाले ज्यादातर लोगों को पहले दिन काफी डर लगता है। वह मोबाइल के बिना कुछ दिन गुजारने को लेकर काफी चिंतित रहते है, लेकिन छुट्टियां खत्म होने और वापस लौटते वक्त जब उन्हें उनके डिवाइस वापस किए जाते हैं तो बहुत से लोग अनुरोध करते हैं कि वह इसे हमेशा के लिए जमा करना चाहते हैं। हालांकि, आज के तकनीकि युग में ये उनके लिए संभव नहीं है।