बेहद शातिर थे तस्कर, एसटीएफ से बचने को केमिकल मिला बदला हेरोइन का रंग
मणिपुर से हापुड़ लेकर जाई जा रही एक किलो हेरोइन एसटीएफ ने पकड़ ली। पुलिस ने तस्कर मामा-भांजे को भी गिरफ्तार किया।
बरेली(जेएनएन)। फिल्मों की तरह शातिर तस्करों ने गच्चा देकर बच निकलने के लिए केमिकल मिलाकर हेराइन का रंग बदल दिया। इसके बाद मणिपुर से एक किलो माल लेकर हापुड़ जा रहे थे। एसटीएफ ने फतेहगंज पश्चिमी टोल प्लाजा पर तस्करों की कार पकड़ ली तो एक बारगी वह भी असमंजस्य में पड़ गई। हालांकि, एसटीएफ टीम ने सूझबूझ से तस्कर मामा-भांजे समेत हेरोइन पकड़ी गई।
एसटीएफ बरेली शाखा के इंचार्ज इंस्पेक्टर अजय पाल सिंह को सूचना मिली कि मणिपुर से कुछ लोग हेरोइन लेकर आ रहे हैं। इस पर फतेहगंज पश्चिमी टोल प्लाजा पर एसटीएफ इंस्पेक्टर अपनी टीम के साथ चेकिंग में जुट गए। इस दौरान एक रिनोल्ट क्विड कार में एक किलो हेराइन बरामद हुई। कार से तस्कर वसीम खान पुत्र नसीम खान निवासी ग्राम बेहरा थाना फरीदपुर व नहीम खान पुत्र शरीफ खान निवासी सैदपुर लश्करीगंज मोहनपुर, फरीदपुर पकड़े गए। नहीम खान मामा व वसीम उसका भांजा है।
एक लाख के इनामी तस्कर तैमूर ने मंगवाई थी हेरोइन
पूछताछ में पता चला कि हेरोइन इनामी तस्कर तैमूर उर्फ भोला निवासी फरीदपुर व उसके भाई सद्दाम उर्फ नबी खान ने मंगवाई है। तैमूर पर दिल्ली पुलिस की नारकोटिक्स सेल ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है। उसका एक भाई इमरान वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद है। पकड़ा गया वसीम उसके भाई का रिश्तेदार है।
20-25 बार मणिपुर, राजस्थान व बिहार से ला चुके थे ड्रग्स
पकड़े गए तस्करों ने बताया कि इससे पहले भी दोनों 20-25 बार मणिपुर, राजस्थान व बिहार से मादक पदार्थ लेकर आते रहे हैं। पैकेट बरेली लाने पर 20 हजार रुपये और बरेली से बाहर ले जाने पर 50 हजार रुपये प्रति पैकेट दिए जाते थे। फरीदपुर के पडेरा गांव से बड़े पैमाने पर पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली आदि राज्यों में सप्लाई होती है। इंस्पेक्टर अजय पाल ने बताया कि बरामद हेरोइन की कीमत भारतीय बाजार में 25 लाख और अंतरराष्ट्रीय बाजार में तीन करोड़ रुपये है।
लाल रंग थी पकड़ी गई हेराइन
तस्कर काफी शातिर हैं। माल पकड़ा न जाए, इसके लिए केमिकल लगाकर रंग ही बदल दिया। पकड़ी गई हेरोइन का रंग हल्का लाल रंग का था। एसटीएफ ने जब कार से हेरोइन बरामद की तो उसका रंग देखकर असमंजस में पड़ गए। फिर वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत की गई। तब पता चला कि अब तस्कर केमिकल लगाकर इसका रंग बदल दे रहे हैं। वैसे यह मटमैली रंग की होती है।