छत्तीसगढ़ नसबंदी कांड : मुख्यमंत्री ने दिए न्यायिक जांच के आदेश
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा है कि मामले के न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। इस्तीफे की मांग के जवाब में उन्होंने कहा कि यह कोई विकल्प नहीं है।
बिलासपुर। पेंडारी स्थित नेमीचंद कैंसर अस्पताल के शिविर में नसबंदी कराने वाली महिलाओं की मौत व तबीयत बिगड़ने के मामले में पुलिस अफसरों के निर्देश पर आरोपी डॉ. आरके गुप्ता के खिलाफ गैरइरादतन हत्या का अपराध दर्ज किया गया है। अफसरों के निर्देश पर पुलिस ने एफआईआर की धारा बदल दी है। वहीं आरोपी डॉ. गुप्ता को देर रात बलौदाबाजार से पकड़ लिया है। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। वह अपने दोस्त आरएस तिवारी के यहां जाकर छिप गया था।
इस बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा है कि मामले के न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। इस्तीफे की मांग के जवाब में उन्होंने कहा कि यह कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने आश्वस्त किया कि इस मामले में किसी को भी राहत नहीं दी जाएगी।
इससे पहले अपने बयान में आरोपी डाक्टर ने कहा है कि इस स्थिति के लिए राज्य सरकार और उसकी नीतियां जिम्मेदार हैं। खुद को बेकसूर बताते हुए मुख्य आरोपी सर्जन ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से ही लक्ष्य को पूरा करने का दबाव लगातार आ रहा था जबकि संसाधन नहीं थे।
राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत तखतपुर विकासखंड के ग्राम पेंडारी स्थित नेमीचंद कैंसर अस्पताल में आयोजित नसबंदी शिविर में ऑपरेशन के बाद महिलाओं की तबीयत बिगड़ने व 14 महिलाओं की मौत से हड़कंप मच गया है। महिलाओं की मौत पर चकरभाठा पुलिस ने मर्ग जांच के बाद ऑपरेशन करने वाले जिला अस्पताल के सर्जन डॉ. गुप्ता को लापरवाही बरतने का दोषी पाया है। जांच के बाद पुलिस ने आरोपी डॉक्टर व उनके तीन सहयोगियों के खिलाफ धारा 304ए के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज किया था।
इधर, आपराधिक प्रकरण दर्ज होने की खबर लगते ही आरोपी डॉ. गुप्ता गायब हो गए थे। बुधवार को एसपी बीएन मीणा सहित आला अधिकारियों ने डायरी का परीक्षण किया। सुपरविजन के आधार पर पुलिस अफसरों ने इस प्रकरण में दर्ज एफआईआर की धारा में संशोधन किया है। इसके तहत पुलिस ने आरोपी डॉ. गुप्ता व उसके सहयोगियों के खिलाफ धारा 304 के तहत गैरइरादतन हत्या का अपराध दर्ज कर लिया है। वहीं पुलिस की टीम ने देर रात आरोपी डॉ. गुप्ता को बलौदाबाजार से पकड़ लिया।
वह अपने दोस्त डॉ. आरएस तिवारी के यहां जाकर छिप गया था। जैसे ही चकरभाठा पुलिस को उसका लोकेशन मिला। पुलिस की टीम बलौदाबाजार पहुंच गई। पुलिस आरोपी डॉ. को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। इधर बुधवार को पुलिस अफसरों ने ऐहतियात के तौर पर आरोपी डॉ. गुप्ता के निवास व क्लीनिक में पहरा बैठा दिया। पुलिस अफसरों को आशंका है कि आरोपी डॉ. गुप्ता के निवास में भी आक्रोश के साथ उपद्रव हो सकता है। इसलिए बल तैनात किया गया है।
मालूम हो कि पुलिस की जांच में पता चला है कि अस्पताल में न तो ऑपरेशन थिएटर है औेर न ही ऑपरेशन की जगह की साफ-सफाई का ध्यान रखा गया। डॉक्टर ने लक्ष्य हासिल करने के लिए आनन-फानन में 83 महिलाओं का ऑपरेशन कर दिया। जल्दबाजी में किए गए ऑपरेशन की वजह से ही शिविर में नसबंदी कराने वाली ज्यादातर महिलाओं की स्थिति गंभीर हो गई। इस लापरवाही के लिए जिला अस्पताल के सर्जन डॉ. गुप्ता को ही दोषी माना गया है।
दवाइयों के सेंपल
चकरभाठा पुलिस ने नसबंदी कांड की जांच शुरू कर दी है। बुधवार को पुलिस ने नसबंदी पीड़ित करीब आधा दर्जन महिलाओं के बयान दर्ज किया है। इस दौरान महिलाओं ने बताया कि उन्हें मितानीन नसबंदी कराने के लिए लेकर आई थीं। डॉक्टरों ने इंजेक्शन लगाने के बाद ऑपरेशन किया और दवाइयां दी। इसके बाद उन्हें घर भेज दिया गया। दवाइयां खाने के बाद घर पहुंचते ही उन्हें उल्टी होने लगी।
पीड़ित महिलाओं का बयान दर्ज करने के साथ ही पुलिस ने उनके पास से डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयों के सेंपल जब्त किए हैं। हालांकि, पीएम करने वाले डॉक्टरों ने संक्रमित औजार से मौत होने की आशंका जताई है। पुलिस की जांच में दवाइयों के सेंपल की भी जांच कराई जाएगी।
छिटपुट विवादों के बीच पूरा प्रदेश बंद रहा
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित पेंडारी गांव में सरकारी शिविर में नसंबदी कराने वाली महिलाओं की हो रही मौत और राज्य शासन की लापरवाही के विरोध में बुधवार को छिटपुट विवादों के बीच पूरा प्रदेश बंद रहा। बाजारों-दुकानों को बंद कराने जुलूस की शक्ल में निकले कांग्रेस नेताओं ने जगह-जगह मुख्यमंत्री रमन सिंह और स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल का पुतला फूंका। इस दौरान उनका पुलिस से विवाद भी हुआ। पुलिस ने विरोध-प्रदर्शन कर रहे करीब दो सौ कांग्रेसियों को गिरफ्तार कर लिया।
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