Move to Jagran APP

दुष्कर्म और हत्या के दोषी को सुनाई गई मौत की सजा पर सुप्रीम कोर्ट का स्थगनादेश

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, 'याचिकाकर्ता की मौत की सजा को स्थगित करना होगा। हाई कोर्ट से मूल रिकॉ‌र्ड्स मंगाए जाएं।'

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 27 May 2018 09:00 PM (IST)Updated: Sun, 27 May 2018 09:00 PM (IST)
दुष्कर्म और हत्या के दोषी को सुनाई गई मौत की सजा पर सुप्रीम कोर्ट का स्थगनादेश
दुष्कर्म और हत्या के दोषी को सुनाई गई मौत की सजा पर सुप्रीम कोर्ट का स्थगनादेश

नई दिल्ली, प्रेट्र। मध्य प्रदेश में पिछले साल 11 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या करने के दोषी को सुनाई गई मौत की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने स्थगन आदेश जारी किया है।

loksabha election banner

- निचली अदालत और हाई कोर्ट ने सुनाई थी सजा-ए-मौत

जस्टिस एएम खानविल्कर और जस्टिस इंदू मल्होत्रा की पीठ ने दोषी भगवानी की याचिका पर मध्य प्रदेश पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। भगवानी ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के नौ मई के फैसले को चुनौती दी है, जिसमें निचली अदालत द्वारा सुनाई गई मौत की सजा को बरकरार रखा गया था।

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, 'याचिकाकर्ता की मौत की सजा को स्थगित करना होगा। हाई कोर्ट से मूल रिकॉ‌र्ड्स मंगाए जाएं।' बता दें कि हाई कोर्ट ने भगवानी के अलावा मामले के एक अन्य दोषी सतीश की सजा-ए-मौत को भी बरकरार रखा था।

पुलिस के मुताबिक, पिछले साल 14-15 अप्रैल की रात दोनों ने अपने ही गांव में रहने वाली नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी थी। 14 अप्रैल को बच्ची अपने माता-पिता के साथ गांव के एक कार्यक्रम में शरीक होने गई थी, वहां से वह लापता हो गई थी। अगले दिन सुबह उसका शव बरामद हुआ था।

पुलिस जांच में पता चला कि दोनों का एक दिन पहले बच्ची के पिता से वाद-विवाद हुआ था और वह घटना के दिन से ही फरार थे। बाद में दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया और निचली अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.