दुष्कर्म और हत्या के दोषी को सुनाई गई मौत की सजा पर सुप्रीम कोर्ट का स्थगनादेश
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, 'याचिकाकर्ता की मौत की सजा को स्थगित करना होगा। हाई कोर्ट से मूल रिकॉर्ड्स मंगाए जाएं।'
नई दिल्ली, प्रेट्र। मध्य प्रदेश में पिछले साल 11 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या करने के दोषी को सुनाई गई मौत की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने स्थगन आदेश जारी किया है।
- निचली अदालत और हाई कोर्ट ने सुनाई थी सजा-ए-मौत
जस्टिस एएम खानविल्कर और जस्टिस इंदू मल्होत्रा की पीठ ने दोषी भगवानी की याचिका पर मध्य प्रदेश पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। भगवानी ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के नौ मई के फैसले को चुनौती दी है, जिसमें निचली अदालत द्वारा सुनाई गई मौत की सजा को बरकरार रखा गया था।
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, 'याचिकाकर्ता की मौत की सजा को स्थगित करना होगा। हाई कोर्ट से मूल रिकॉर्ड्स मंगाए जाएं।' बता दें कि हाई कोर्ट ने भगवानी के अलावा मामले के एक अन्य दोषी सतीश की सजा-ए-मौत को भी बरकरार रखा था।
पुलिस के मुताबिक, पिछले साल 14-15 अप्रैल की रात दोनों ने अपने ही गांव में रहने वाली नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी थी। 14 अप्रैल को बच्ची अपने माता-पिता के साथ गांव के एक कार्यक्रम में शरीक होने गई थी, वहां से वह लापता हो गई थी। अगले दिन सुबह उसका शव बरामद हुआ था।
पुलिस जांच में पता चला कि दोनों का एक दिन पहले बच्ची के पिता से वाद-विवाद हुआ था और वह घटना के दिन से ही फरार थे। बाद में दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया और निचली अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई।