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राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत राज्यों को भरने होंगे शिक्षकों के खाली पद, जानें कहां कितने पद हैं खाली

राज्यों के अनुसार देश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के 10 लाख से ज्यादा पद खाली हैं। शिक्षकों के सबसे ज्यादा खाली पद उत्तर प्रदेश-बिहार में हैं। उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के कुल स्वीकृत पद करीब 7.52 लाख हैं। इनमें से 2.17 लाख पद खाली है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 25 Sep 2020 06:15 AM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 06:15 AM (IST)
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत राज्यों को भरने होंगे शिक्षकों के खाली पद, जानें कहां कितने पद हैं खाली
कक्षा में पढ़ाते शिक्षक, राज्‍यों में काफी संख्‍या में खाली पद हैं (फाइल फोटो)।

नई दिल्ली, अरविंद पांडेय। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमल में जुटे राज्यों को सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के खाली पड़े पदों को भी भरना होगा। योजना की शुरुआत में ही इस लक्ष्य को हासिल करने की सिफारिश की गई है। हालांकि, राज्यों के लिए यह एक कठिन लक्ष्य है। इसके बावजूद इस नीति में शिक्षकों के खाली पदों को समयबद्ध तरीके से जल्द-से-जल्द भरने पर जोर दिया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को तेजी से आगे बढ़ाने में जुटा शिक्षा मंत्रालय भी इस पर पूरी नजरें लगाए हुए है। फिलहाल राज्यों से शिक्षकों के खाली पदों का ब्योरा जुटाया गया है।

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मौजूदा समय में देश में शिक्षकों के 10 लाख से ज्यादा पद खाली

 राज्यों से जुटाए गए इस ब्योरे के अनुसार, देश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के 10 लाख से ज्यादा पद खाली हैं। शिक्षकों के सबसे ज्यादा खाली पद उत्तर प्रदेश और बिहार में हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के कुल स्वीकृत पद करीब 7.52 लाख हैं। इनमें से 2.17 लाख पद खाली है। वहीं बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के कुल स्वीकृत पद 6.88 लाख हैं। इनमें 2.75 लाख पद खाली हैं। ऐसी ही स्थिति मध्य प्रदेश, बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों की भी है, जहां शिक्षकों के हजारों पद खाली पड़े हैं। 

नीति पर अमल के शुरुआती दौर में ही इन्हें भरने की सिफारिश

खास बात यह है कि हाल ही में आई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्कूलों में शिक्षकों के खाली पड़े पदों को लेकर चिंता जताई गई है। इसके क्रियान्वयन की जो रूपरेखा तय की गई है, उनमें नीति के अमल की शुरुआत में ही शिक्षकों के खाली पदों को भरने की सिफारिश की गई है। इसके लिए राज्यों को एक समयबद्ध योजना बनाने का प्रस्ताव किया गया है। साथ ही कहा गया है कि प्रत्येक स्कूल में छात्र- शिक्षक के अनुपात को ठीक करने की जरूरत है। इसके तहत प्रत्येक 30 छात्र पर एक शिक्षक का होना जरूरी है।

वहीं सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित बच्चों की अधिकता वाले क्षेत्रों में प्रत्येक 25 बच्चों पर एक शिक्षक रखने को कहा गया है।शिक्षा मंत्रालय भी नीति के अमल के पहले दौर में ही राज्यों से शिक्षकों की कमी को खत्म करने को लेकर बातचीत की तैयारी में है। इसे लेकर तैयारी चल रही है। आने वाले दिनों में राज्यों से इसे लेकर प्लान मांगा जा सकता है। 

प्रमुख राज्य और शिक्षकों के खाली पदों की संख्या 

बिहार --2.75 लाख

उत्तर प्रदेश--2.17 लाख 

झारखंड --95 हजार 

मध्य प्रदेश--91 हजार 

बंगाल- -72 हजार 

राजस्थान- 47 हजार 

छत्तीसगढ़- 51 हजार 

आंध्र प्रदेश- 34 हजार 

उत्तराखंड- 18 हजार 


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