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ड्राइविंग इंस्टीट्यूट व इंस्पेक्शन सेंटर के लिए राज्यों को मिले 120 करोड़

सरकार ने 2020 तक सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या को घटाकर आधा करने के संयुक्त राष्ट्र के लक्ष्य के प्रति हामी भरी है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Mon, 26 Jun 2017 10:04 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jun 2017 10:04 PM (IST)
ड्राइविंग इंस्टीट्यूट व इंस्पेक्शन सेंटर के लिए राज्यों को मिले 120 करोड़
ड्राइविंग इंस्टीट्यूट व इंस्पेक्शन सेंटर के लिए राज्यों को मिले 120 करोड़

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सड़क दुर्घटनाओं में अप्रशिक्षित ड्राइवरों तथा अनफिट वाहनों की भूमिका को देखते हुए सरकार ने राज्यों में मॉडल ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट तथा वेहिकल इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर खोलने का निर्णय लिया है। इसके लिए केंद्र की ओर से वित्तीय मदद मुहैया कराई जा रही है। पिछले तीन सालों में इस मद में 120 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय सहायता प्रदान की जा चुकी है।

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वर्ष 2013-14 से लेकर 205-16 तक के तीन सालों में उत्तर प्रदेश को ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (आइडीटीआर) के लिए 6.5 करोड़ रुपये तथा बिहार को 12.5 करोड़ रुपये की मदद दी गई है। इसी प्रकार हिमाचल प्रदेश को 11.46 करोड़ रुपये, मध्य प्रदेश को 14.90 करोड़, महाराष्ट्र को 13.93 करोड़, राजस्थान को 11.50 करोड़, त्रिपुरा को 7.77 करोड़ रुपये की मदद प्रदान की गई है।

इसी तरह कुछ राज्यों को इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर खोलने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। तीन सालों में दिल्ली को 6.80 करोड़ रुपये, गुजरात को 6.20 करोड़, हरियाणा को 6.80 करोड़, कर्नाटक को 5.25 करोड़, महाराष्ट्र को 7.25 करोड़, मध्य प्रदेश को 10.30 करोड़, राजस्थान को 5.35 करोड़, तेलंगाना को 4.00 करोड़, उत्तर प्रदेश को 4.00 करोड़, पश्चिम बंगाल को 1.06 करोड़, केरल को 1.10 करोड़, सिक्किम को 1.10 करोड़ तथा ओडिशा को 1.08 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है। इन राशियों में अधिकांश राशि का राज्यों द्वारा उपयोग किया जा चुका है।

सड़क सुरक्षा को सुदृढ़ करने तथा घायलों को चिकित्सा उपलब्ध कराने तथा शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों का बे्रथ एनालाइजर टेस्ट करने के लिए केंद्र सरकार राज्यों को एंबुलेंस और ब्रेथ एनालाइजर मशीने खरीदने के लिए भी लागत का 90 फीसद सहायता उपलब्ध कराती है।

वर्ष 2015-16 के दौरान जम्मू एवं कश्मीर को 136 एंबुलेंस खरीदने के लिए कुल 13.46 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई। इस मद में सिक्किम को 3.06 करोड़ तथा मिजोरम को 49.50 लाख रुपये की सहायता दी गई है। इसी तरह ब्रेथ एनालाइजर खरीदने के लिए पंजाब, जम्मू एवं कश्मीर तथा पश्चिम बंगाल में प्रत्येक को 28.14 लाख रुपये की मदद दी गई है।

गौरतलब है कि सरकार ने 2020 तक सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या को घटाकर आधा करने के संयुक्त राष्ट्र के लक्ष्य के प्रति हामी भरी है। भारत में अभी हर साल लगभग पांच लाख सड़क हादसों में डेढ़ लाख लोगों की मौत होती है, जबकि तीन लाख लोग घायल होते हैं। इन आंकड़ों में कमी लाने के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से संसद में मोटर वाहन कानून 2016 पेश किया गया है जो लोकसभा से पारित हो चुका है। परंतु राज्यसभा से पारित होना अभी बाकी है।

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