तेल पर सियासी खेलः केंद्र से ज्यादा राज्य सरकार जिम्मेदार, एेसे समझे गणित
केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल की बिक्री पर एक्साइज ड्यूटी वसूलती है, जबकि राज्य सरकारें अलग-अलग दर से वैट लगाती हैं।
नई दिल्ली(जेएनएन)। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी पर जारी सियासी लड़ाई में विपक्ष इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश कर रही है। लेकिन इसके लिए राज्य सरकारों की भूमिका कम नहीं है। केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल की बिक्री पर एक्साइज ड्यूटी वसूलती है, जबकि राज्य सरकारें अलग-अलग दर से वैट लगाती हैं।
एक्साइज ड्यूटी और वैट की दरों पर नजर डालने पर स्पष्ट हो जाता है कि पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान पर पहुंचाने में राज्य सरकारों की भूमिका कहीं भी कम नहीं है। आइए समझते हैं क्रूड ऑइल के भाव से लेकर आप तक पहुंच पेट्रोल-डीजल की दरों का हिसाब...
प्रति लीटर कच्चे तेल की कीमत
10 सितंबर 2018 को इंडियन बास्केट के कच्चे तेल की कीमत 4,883 रुपये प्रति बैरल है। चूंकि एक बैरल में 159 लीटर होता है, इसलिए प्रति लीटर कच्चे तेल की कीमत है 30.71 रुपये है।
टैक्स से पहले पेट्रोल-डीजल की कीमतें
विदेशों से आए कच्चे तेल की खेप भारत की रिफाइनरीज में पहुंचती है। यहां तक पहुंचने और रिफाइन होने के बाद पेट्रोल पंपों तक पहुंचने में कुछ लागत आती है। इसका आंकड़ा इस प्रकार है- एंट्री टैक्स, रिफाइनरी प्रोसेसिंग, लैंडिंग कॉस्ट एवं मार्जिन समेत अन्य ऑपरेशन कॉस्ट पेट्रोल पर 3.68 रुपये, डीजल पर 6.37 रुपये प्रति लीटर। इस तरह अब पेट्रोल की कीमत हुई 34.39 रुपये, जबकि डीजल की कीमत 37.08 रुपये हो गई।
फिर प्रति लीटर पेट्रोल पर 3.31 रुपये और प्रति लीटर डीजल पर 2.55 रुपये ऑइल मार्केटिंग कंपनियों की मार्जिन, ढुलाई और फ्रेट कॉस्ट आती है। यानी अब प्रति लीटर पेट्रोल 37.70 रुपये जबकि प्रति लीटर डीजल 39.63 रुपये का हो गया।
केंद्र और राज्यों के टैक्स से दाम दोगुने
अब केंद्र सरकार का एक्साइज टैक्स प्रति लीटर पेट्रोल पर 19.48 रुपये और प्रति लीटर डीजल पर 15.33 रुपये। यानी अब पेट्रोल की कीमत 57.18 रुपये जबकि डीजल की कीमत 54.96 रुपये हो गई।
डीलरों के कमीशन और राज्यों के वैट
अब इसमें पेट्रोल पंप डीलरों का कमिशन जुड़ता है। डीलर प्रति लीटर पेट्रोल पर 3.59 रुपये जबकि प्रति लीटर डीजल पर 2.53 रुपये कमीशन लेते हैं। इस तरह, अब पेट्रोल की दर 60.77 रुपये और डीजल का भाव 57.49 रुपये हो गया। इस पर राज्य सरकारें अलग-अलग दर से वैट और पलूशन सेस वसूलती हैं। अब नीचे देखें कि कौन से राज्य पेट्रोल और डीजल पर कितना सेल्स टैक्स/वैट वसूलते हैं-
गौरतलब है कि रविवार को राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पेट्रोल-डीजल से राज्य सरकार द्वारा वसूले जानेवाले वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) को 4 प्रतिशत कम करने का ऐलान किया है।