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युवाओं के लिए उम्मीद की नई किरण बनकर उभरे स्टार्टअप, रोजगार का बड़ा संकट होगा खत्म

स्टार्टअप का यह रूझान हाल ही में आईआईटी मद्रास के प्लेसमेंट में देखने को मिला। जहां पहली बार 51 से ज्यादा स्टार्टअप ने हिस्सा लिया। साथ ही 121 से ज्यादा नौकरियों की पेशकश भी की।

By TaniskEdited By: Published: Tue, 30 Apr 2019 09:41 PM (IST)Updated: Tue, 30 Apr 2019 09:41 PM (IST)
युवाओं के लिए उम्मीद की नई किरण बनकर उभरे स्टार्टअप, रोजगार का बड़ा संकट होगा खत्म
युवाओं के लिए उम्मीद की नई किरण बनकर उभरे स्टार्टअप, रोजगार का बड़ा संकट होगा खत्म

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अच्छी नौकरियों की आस लगाए गए बैठे युवाओं के लिए स्टार्टअप अब उम्मीद की एक नई किरण साबित हो सकते है। फिलहाल नए साल में जिस तरीके से वह नई नौकरी लेकर मैदान में उतरे है, उससे यह उम्मीद और भी ज्यादा बलवती हो जाती है। स्टार्टअप का यह रूझान हाल ही में आईआईटी मद्रास के प्लेसमेंट में देखने को मिला है। जहां पहली बार 51 से ज्यादा स्टार्टअप ने हिस्सा लिया। साथ ही 121 से ज्यादा नौकरियों की पेशकश भी की। जिसके करीब 97 आफर को छात्रों ने हाथों-हाथ लिया है।

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स्टार्टअप को लेकर यह रूझान उस समय सामने आया है, जब सरकार पिछले कई सालों से इसे बढ़ावा देने में जुटी हुई है। स्थिति यह है कि मौजूदा समय में देश में तीन लाख से ज्यादा स्टार्टअप रजिस्टर्ड है। इनमें से करीब 18 हजार स्टार्टअप डीपीआईआईटी ( डिपार्टमेंट आफ प्रमोशन आफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड) में पंजीकृत भी है। नौकरी देने के लिए स्टार्टअप के मैदान में आने से उम्मीद लगाई है, कि आने वाले सालों में इनमें काफी नई नौकरियां सृजित होगी। साथ ही इससे रोजगार का एक बड़ा संकट भी खत्म होगा।

15 फीसद बढ़ा प्लेसमेंट
आईआईटी मद्रास के आंकड़ों को देखे, तो पिछले साल के मुकाबले प्लेसमेंट में 15 फीसद से ज्यादा उछाल आया है। रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2018-19 में उनके 1146 छात्रों को कैंपस सेलेक्शन के जरिए प्लेसमेंट मिला है। जबकि वर्ष 2017-18 में यह संख्या सिर्फ 834 ही थी। इसके अलावा इस साल कुल 298 कंपनियों ने कैंपस प्लेसमेंट में हिस्सा लिया था, इनमें 21 विदेशी कंपनियां भी थी। जो पिछले सालों के मुकाबले ज्यादा भागीदारी थी। इतना ही नहीं, संस्थान के पोस्ट ग्रेजुएट प्लेसमेंट का भी बेहतर रिकॉर्ड रहा है। इस साल जहां 364 छात्रों को प्लेसमेंट मिला है, इनमें एमबीए भी शामिल है, जबकि पिछले साल यह संख्या 274 ही थी।

डाटा साइंस और एनालिटिक्स क्षेत्र की कंपनियों में दिखा रुझान
प्लेसमेंट देने में हालांकि अभी भी आईटी और कोर क्षेत्र की कंपनियां ही सबसे आगे है। बावजूद इसके पहली बार प्लेसमेंट देने को लेकर डाटा साइंस और एनालिटिक्स क्षेत्र की कंपनियां भी बड़े पैमाने पर आगे आयी है। अकेले आईआईटी मद्रास को इन कंपनियों की ओर से करीब 55 आफर दिए गए है। इसकी वजह संस्थानों में इससे जुडे पाठ्यक्रमों को चालू होना बताया जा रहा है।


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