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स्टार्ट-अप कम्युनिटी ने सुझाया 'एंजेल टैक्स' समस्या हल करने का सात सूत्री हल

Angel Tax की मार से कराह रहे देश के स्टार्ट-अप्स ने इस टैक्स की समस्या से निपटने के लिए सात सूत्रीय हल सुझाया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 09:04 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 09:05 PM (IST)
स्टार्ट-अप कम्युनिटी ने सुझाया 'एंजेल टैक्स' समस्या हल करने का सात सूत्री हल
स्टार्ट-अप कम्युनिटी ने सुझाया 'एंजेल टैक्स' समस्या हल करने का सात सूत्री हल

 जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। 'एंजेल टैक्स' की मार से कराह रहे देश के स्टार्ट-अप्स ने इस टैक्स की समस्या से निपटने के लिए सात सूत्रीय हल सुझाया है। स्टार्ट-अप प्रतिनिधि इस सिलसिले में सोमवार को सरकार के समक्ष अपनी समस्या और सुझाव रखेंगे। उन्हें उम्मीद है कि सरकार आगामी अंतरिम बजट के मौके पर स्टार्ट-अप्स की परेशानी दूर करने के उपाय करेगी।

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एंजेल टैक्स से परेशान स्टार्ट-अप की समस्या को सरकार के समक्ष उठा रहे सोशल मीडिया प्लेट फार्म लोकल सर्किल्स के चेयरमैन सचिन तापडि़या ने दैनिक जागरण से कहा कि सरकार को मान्यता प्राप्त स्टार्ट-अप को एंजेल टैक्स से पूरी तरह छूट देने के साथ ही सात सूत्रीय रणनीति को अमल में लाना चाहिए जिससे इस क्षेत्र की समस्या हल हो जाएगी।

तापडि़या ने कहा कि वैसे तो औद्योगिक नीति एवं संव‌र्द्धन विभाग ने 16 जनवरी को एक अधिसूचना जारी कर स्टार्ट अप को राहत देने का प्रयास किया है लेकिन यह अपर्याप्त है। सरकार को सबसे पहले तो टैक्स छूट प्राप्त पूंजी जुटाने की सीमा को 10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 25 करोड़ रुपये करना चाहिए।

इसी तरह स्टार्ट अप में निवेश करने के लिए निर्धारित की गयी निवेशक की आय की 50 लाख रुपये की सीमा को घटाकर 25 लाख रुपये और दो करोड़ रुपये के नेटवर्थ की सीमा को घटाकर एक करोड़ रुपये करना चाहिए। ऐसा होने पर ही अधिकाधिक लोग स्टार्ट अप में निवेश कर पाएंगे। फिलहाल सरकार ने जो सीमा तय कर रखी है उसके चलते बहुत से लोग स्टार्ट-अप में निवेश नहीं कर पाते।

तापडि़या ने कहा कि सरकार को स्टार्ट-अप के लिए योग्य कंपनी के लिए सात वर्ष की अवधि की सीमा भी बढ़ाकर 10 वर्ष कर देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार के सात सुझाव वह सोमवार को सरकार के समक्ष रखेंगे। उन्होंने इनमें से कई सुझाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 16 जनवरी को लिखे पत्र में भी दिये हैं। सोमवार को वे वाणिज्य मंत्री, डीआइपीपी के सचिव और अन्य शीर्ष अधिकारियों के समक्ष स्टार्ट अप की समस्या का मामला रखने जा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि देश में लगभग 39,000 स्टार्ट अप हैं जिसमें से 15,417 'स्टार्ट-अप' डीआइपीपी से मान्यताप्राप्त हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि तीन साल पहले स्टार्ट अप इंडिया योजना शुरु होने के बावजूद नवंबर 2018 तक सरकार मात्र 91 'स्टार्ट-अप' को ही टैक्स छूट का लाभ देने के लिए मान्यता प्रदान कर पायी है।

इसका नतीजा यह हुआ है कि आयकर विभाग ने बड़ी संख्या में 'स्टार्ट-अप' को आयकर कानून की धारा 56(2)(सात) के तहत असेसमेंट ईयर 2015-16 और 2016-17 के लिए 30 प्रतिशत 'एंजेल टैक्स' के नोटिस थमाकर इस साल 31 मार्च तक भारी भरकम टैक्स जमा करने का आदेश दिया है। एंजेल टैक्स का नोटिस पाने के बाद बड़ी संख्या में स्टार्ट अप परेशान हैं और इनमें से कई डूबने के कगार पर हैं जिससे इनमें लगे लोगों की नौकरियां जाने का भी खतरा हो गया है।


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