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भारत में तीसरे टीके के तौर पर रूसी वैक्सीन को मिल सकती है आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी

भारत में टीकाकरण की रफ्तार को बढ़ाने के लिए एक और कोरोना वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है। रूस की स्पुतनिक वी कोरोना वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी के लिए डॉ. रेड्डीज ने 21 फरवरी को DCGI के पास आवेदन किया है।

By Arun kumar SinghEdited By: Published: Thu, 04 Mar 2021 06:15 PM (IST)Updated: Thu, 04 Mar 2021 06:15 PM (IST)
भारत में तीसरे टीके के तौर पर रूसी वैक्सीन को मिल सकती है आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी
एक और कोरोना वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है

नई दिल्‍ली, आइएएनएस। भारत में टीकाकरण की रफ्तार को बढ़ाने के लिए एक और कोरोना वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है। रूस की स्पुतनिक वी कोरोना वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी के लिए डॉ. रेड्डीज (dr reddy laboratory)  ने 21 फरवरी को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) के पास आवेदन किया है। 24 फरवरी को ड्रग अथॉरिटी ने अनुमति देने के लिए भारतीय दवा कंपनी डॉ. रेड्डीज से देश में किए गए ट्रायल के अंतरिम डाटा के बारे में पूछा था। इस बारे में विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) देश में रूसी वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी देने को लेकर अहम बैठक कर जल्‍द फैसला ले सकती है।

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हालांकि, देश भर के विशेषज्ञ इस प्रक्रिया को मंजूरी देने पर सवाल उठा रहे हैं, जिसमें बताया गया कि देश ने संशोधित मानकों के आधार पर आपातकालीन उपयोग के लिए इस साल जनवरी में दो वैक्सीन कोविशील्‍ड और कोवैक्‍सीन को मंजूरी दी गई थी। उदाहरण के लिए, कोवैक्सिन को बिना क्लिनिकल ट्रायल के किसी प्रभावी डाटा के प्रतिबंधित मंजूरी दी गई थी। हालांकि, 2 मार्च को भारत बायोटेक कंपनी ने कोवैक्‍सीन की फेज 3 का आंतरिक डाटा जारी किया है। इसके बाद 16 जनवरी, 2021 से देश भर में टीकाकरण की शुरुआत की गई थी।    

कोरोना के खिलाफ असरदार है रूसी वैक्सीन

रूसी वैक्सीन स्पुतनिक वी ने हाल ही में सफलतापूर्वक तीसरे चरण का ट्रायल पूरा किया है, जिसमें वैक्सीन 91.6 फीसद असरदार साबित हुई है। स्पुतनिक वी के तीसरे चरण के ट्रायल के अंतरिम विश्लेषण में वैक्सीन 91.6 फीसद तक असरदार दर्ज की गई है। तीसरे परीक्षण में रूस में 19,866 वॉलंटियर शामिल हुए थे। इनमें 60 साल से ज्यादा उम्र के 144 वॉलंटियर थे, जिनमें 91.8 फीसद प्रभावकारिता दर्ज की गई थी।  


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