आतंकी घटनाओं के शिकार लोगों के लिए सरकार का बड़ा कदम, आश्रितों को MBBS-BDS में मिलेगा आरक्षण
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को भेजे एक पत्र में आतंकवाद के शिकार हुए लोगों के जीवनसाथी और उनके बच्चों के लिए केंद्रीय पूल से एमबीबीएस और बीडीएस की सीटें आवंटित करने के बारे में जानकारी दी है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्र सरकार ने आतंकी हमलों के शिकार परिवार के आश्रितों-बच्चों को बड़ी राहत दी है। अब उनको एमबीबीएस और बीडीएस प्रवेश के लिए होने वाली परीक्षा नीट-2020 में कोटा मिलेगा ताकि उनका इन चिकित्सकीय पाठ्यक्रमों में एडमिशन हो सके। यह कदम 2020-21 शैक्षणिक वर्ष के लिए लागू होगा। ये सीटें मेडिकल प्रवेश के लिए सीटों के केंद्रीय पूल से होंगी। सरकार ने ऐसे परिवारों से आवेदन मंगाए हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आतंकवाद के शिकार हुए लोगों के जीवनसाथी और बच्चों से केंद्रीय पूल के तहत एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवेदन मांगे हैं। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को भेजे एक पत्र में आतंकवाद के शिकार हुए लोगों के जीवनसाथी और बच्चों के लिए केंद्रीय पूल से एमबीबीएस और बीडीएस की सीटें आवंटित करने के बारे में जानकारी दी है और यह स्पष्ट किया है कि अलग से कोई परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी और चयन नीट में अभ्यर्थी द्वारा हासिल अंकों और आवश्यक शैक्षणिक योग्यता हासिल करने के आधार पर होगा।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि आतंकवादी घटना में मारे गए लोगों के बच्चे या जीवनसाथी इस योजना के तहत आवेदन करने के पात्र होंगे। मंत्रालय के पत्र में कहा गया है कि राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए आतंकवाद के शिकार लोगों के बच्चों और जीवनसाथी के लिए केंद्रीय पूल से एमबीबीएस और बीडीएस की सीटों के आवंटन के लिए विज्ञापन के दौरान इसे व्यापक रूप से प्रचारित करें। नीट-यूजी 2020 के नतीजों की घोषणा के 15 दिनों के अंदर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन ऐसे आवेदनों के सत्यापन के बाद तय प्रारूप में गृह मंत्रालय के पास भेजना सुनिश्चित करें।
बता दें कि मेडिकल में एडमिशन के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) 2020 का आयोजन 13 सितंबर को हुआ था जिसमें 15.9 लाख से अधिक छात्रों ने पंजीकरण कराया था।