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Positive India: IIT के इस खास वेजिटेबल ऑयल से आपका दिल रहेगा फिट

आईआईटी खड़गपुर ने ऐसा वेजिटेबल ऑयल बनाया है जो आपकी सेहत को फिट रखेगा। आईआईटी के शोधकर्ताओं का दावा है कि इस तेल के इस्तेमाल से आपका ह्दय स्वस्थ रहेगा।

By Vineet SharanEdited By: Published: Wed, 19 Aug 2020 08:54 AM (IST)Updated: Wed, 19 Aug 2020 08:55 AM (IST)
Positive India: IIT के इस खास वेजिटेबल ऑयल से आपका दिल रहेगा फिट
Positive India: IIT के इस खास वेजिटेबल ऑयल से आपका दिल रहेगा फिट

नई दिल्ली, अनुराग मिश्र। आईआईटी खड़गपुर ने ऐसा वेजिटेबल ऑयल बनाया है, जो आपकी सेहत को फिट रखेगा। आईआईटी के शोधकर्ताओं का दावा है कि इस तेल के इस्तेमाल से आपका ह्दय स्वस्थ रहेगा। इस फॉर्मूले को आईआईटी खड़गपुर के प्रोफेसर हरि निवास मिश्रा और उनकी टीम ने विकसित किया है। इस उत्पाद के पेटेंट के लिए आवेदन कर दिया गया है, ताकि इसका व्यावसायीकरण किया जा सके। आईआईटी खड़गपुर के शोधकर्ताओं को इस प्रयोग के लिए ‘गांधीयन यंग टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन अवॉर्ड 2020’ दिया गया है।आईआईटी खड़गपुर के एग्रीकल्चर और फूड इंजीनियरिंग के प्रोफेसर हरि निवास मिश्रा ने बताया कि फैट सेचुरेशन के मामले में ऑयल में भिन्नता होती है। ऐसे तेल स्वास्थ्यवर्द्धक होते हैं जिनमें मुख्यत: पॉलीसेचुरेटेड और अनसेचुरेटेड ऑयल होते हैं। ये फैट खून में लो डेंसिटी के लिपोप्रोटीन या हानिकारक ब्लड कोलेस्ट्रॉल को कम करने का काम करते हैं।

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आईआईटी खड़गपुर के प्रोफेसर हरिनिवास मिश्रा ने बताया कि सैचुरेटेड फैटी एसिड (म्यूफा) सॉलिड यानी जम जाता है, जबकि अनसैचुरेटेड फैटी एसिड (प्यूफा) लिक्विड फॉर्म में ही रहता है। जब हम तेल या घी खाते हैं तो सैचुरेटेड फैटी एसिड को ब्रेक करने में शरीर को कम एनर्जी खर्च करनी पड़ती है, वहीं अनसैचुरेटेड फैटी एसिड को ब्रेक करने में शरीर को कम ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है। म्यूफा और प्यूफा का अनुपात 1:4 होना चाहिए। ऐसे में किसी भी ऑयल में सैचुरेटड फैटी एसिड और अनसैचुरेटेड फैटी एसिड का अनुपात आदर्श नहीं हो पाता है। ऐसे में हमने ब्लेंडिंग कर म्यूफा और प्यूफा को अमेरिकन हेल्थ एसोसिएशन के अनुरूप 1:4 के अनुपात में ला दिया है। हमने अपने ऑयल में सिंथेटिक एंटीऑक्सीडेंट को पूरी तरह हटा दिया है। हमने ऑयल को पाउडर फॉर्म में बना दिया है। इसके लिए हमने माइक्रोइनकैप्सुलेशन प्रक्रिया का प्रयोग किया है।

पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड ऑयल (प्यूफा) का प्रयोग बेकरी और कनफैक्शनरी में डेयरी फैट को रिप्लेस करने में हो सकता है। वैसे ही डेयरी फैट की कमी है, जिसकी पूर्ति इससे की जा सकती है। इसके परिणाम भी सेहत के लिए बेहतर होंगे। इससे लोगों में दिल से जुड़ी बीमारियों को कम किया जा सकेगा।

आईआईटी खड्गपुर के निदेशक प्रोफेसर वीरेंद्र तिवारी का कहना है कि सात दशकों के बाद भी पोषक और स्वस्थ भोजन को लाइफस्टाइल उत्पादों में रखा जाता है। इसकी वजह लोगों में जागरूकता का अभाव और सामर्थ्य न होना है। पर इस नई एप्रोच से हम लोगों की जान को बचा सकेंगे। यह उत्पाद प्यूफा और एंटीऑक्सीडेंट रिच वेजिटेबल ऑयल का बड़े स्तर पर उत्पादन कर सकेगा। यह देश की बड़ी आबादी के लिए सुलभ होगा। इसका बड़ा फायदा निम्न आय वर्ग के लोगों को होगा, जिनको मजबूरीवश कम कीमतों के कारण सैचुरेटेड फैट को खरीदना पड़ता है, जिसका प्रतिकूल असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है।

ऑयल की शेल्फ लाइफ बढ़ेगी

प्रोफेसर हरिनिवास मिश्रा ने बताया कि नए तेल की शेल्फ लाइफ भी बेहतर होगी। उन्होंने बताया कि हमने एक लिपिड को ऑक्सीडेशन से सुरक्षित रखने के लिए माइक्रोइनकैप्सुलेटिंग का सहारा लिया है, जिसमें बेहतर मटीरियल का प्रयोग किया गया है। 


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