शिलॉन्ग में उग्र भीड़ ने दुकान-घर फूंका, एसपी पर रॉड से हमला; दूसरे दिन भी कर्फ्यू
गुरुवार को थेम मेटोर इलाके में स्थानीय लोगों के एक समूह ने बस के एक सहायक से कथित तौर पर मारपीट की थी, जिसके बाद झड़प शुरू हो गई थी।
शिलॉन्ग, पीटीआइ। मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग में दूसरे दिन भी कर्फ्यू जारी है। यहां माहौल अब भी बेहद गर्म है। रातभर हुई हिंसा के दौरान एक दुकान और एक घर को आग के हवाले कर दिया गया। इस दौरान उग्र भीड़ ने पांच वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया। इतना ही नहीं उग्र भीड़ को नियंत्रित करने के प्रयास में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी गंभीर रूस से घायल हो गया है। हिंसा के दौरान पुलिस अधीक्षक (शहर) स्टीफन रिंजा पर लोहे की रॉड से हमला किया गया। उन्हें शिलॉन्ग के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शिलॉन्ग में दूसरे दिन भी हिंसा भड़कने की आशंका को देखते हुए कर्फ्यू जारी रखा गया है।
बताया जा रहा है कि शिलॉन्ग में हुए हिंसा के दौरान पुलिसकर्मी समेत कम से कम दस लोग घायल हो गए हैं, जिसके बाद इलाके में कथित तौर पर अवैध रूप से रह रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग तेजी से उठने लगी है। इधर मोटफ्रन इलाके में उग्र भीड ने राज्य पुलिसकर्मियों पर पत्थरों से हमला कर दिया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि यहां दंगाइयों को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए, लेकिन दूसरे हिस्से के लोगों ने इसे पुलिस की गोलीबारी समझ लिया। गुरुवार को थेम मेटोर इलाके में स्थानीय लोगों के एक समूह ने बस के एक सहायक से कथित तौर पर मारपीट की थी, जिसके बाद झड़प शुरू हो गई थी।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि एक अफवाह के कारण शिलॉन्ग में हिंसा शुरू हुई। इस झड़प ने तब और उग्र रूप ले लिया जब सोशल मीडिया पर यह अफवाह फैलाई गई कि घायल सहायक की मौत हो गई है, जिससे थेम मेटोर में बस चालकों का समूह इकट्ठा हो गया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। बस सहायक और तीन अन्य घायलों को अस्पताल ले जाया गया और प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।