आइएमडी ने कहा, दक्षिण पश्चिम मानसून वापस गया, उत्तर पूर्वी आया, जानें कहां होगी बारिश
विभाग के मुताबिक तमिलनाडु के उत्तरी तट से दूर दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी में चक्रवात की स्थिति बनी हुई है। इसके प्रभाव से केरल माहे तमिलनाडु और पुडुचेरी में अगले पांच दिनों तक गरज के साथ बारिश हो सकती है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। दक्षिण पश्चिम मानसून देश के लगभग सभी हिस्सों से पूरी तरह से वापस चला गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) के मुताबिक सामान्य समय से लगभग 13 दिन बाद मानसून वापस गया है। मानसून के वापस जाने का नियत समय 15 अक्टूबर है। इसके साथ ही उत्तर पूर्वी मानसून आ गया है। इसके प्रभाव से तमिलनाडु, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों, कर्नाटक और केरल में अक्टूबर से दिसंबर के दौरान बारिश होती है।
इस साल 13 दिन की देरी से वापस गया मानसून
आइएमडी ने कहा कि देश में इस समय कहीं भी मौसमी बारिश नहीं हो रही है। इसको देखते हुए विभाग की तरफ से कहा गया है कि दक्षिण पश्चिम मानसून 28 अक्टूबर को पूरी तरह से वापस चला गया। विभाग के मुताबिक तमिलनाडु के उत्तरी तट से दूर दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी में चक्रवात की स्थिति बनी हुई है। इसके प्रभाव से केरल, माहे, तमिलनाडु और पुडुचेरी में अगले पांच दिनों तक गरज के साथ बारिश हो सकती है। तमिलनाडु के कुछ इलाकों में तेज बारिश होने की भी संभावना है। वहीं, दक्षिण केरल में अगले 24 घंटों के दौरान ही मूसलाधार बारिश होने का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है। देश के अन्य हिस्सों में अगले चार से पांच दिनों तक सामान्य मौसम बना रहेगा।
चार महीने के सीजन में देशभर में औसत 109 फीसद हुई बरसात
दक्षिण पश्चिम मानसून के चार महीने के सीजन के दौरान देश में दीर्घकालिक अवधि औसत (एलपीए) के 109 फीसद बरसात हुई। अगर महीने के आधार पर बात करें तो जून में 118 फीसद, अगस्त में 127 प्रतिशत, और सितंबर में 104 प्रतिशत। जुलाई में एलपीए औसत का 90 फीसद बरसात दर्ज की गई थी।
आमतौर पर जुलाई और अगस्त में सबसे ज्यादा बरसात होती है। एलपीए से मतलब 1961 से 2010 के दौरान हुई बारिश के औसत से है जो करीब 88 फीसद है। इसके 96-104 प्रतिशत के बीच की बारिश को सामान्य, 104-110 प्रतिशत को सामान्य से अधिक और 110 प्रतिशत और उससे ज्यादा को अत्यधिक बरसात माना जाता है। 90 फीसद से कम बरसात को सामन्य से नीचे माना जाता है।