Move to Jagran APP

ये सबसे छोटी बच्ची चेरी, जन्‍म के समय वजन था 375 ग्राम, लंबाई 20 सेमी

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे बच्‍चों के बचने की संभावना 0.5 फीसदी होती है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Sat, 21 Jul 2018 09:59 PM (IST)Updated: Sat, 21 Jul 2018 10:02 PM (IST)
ये सबसे छोटी बच्ची चेरी, जन्‍म के समय वजन था 375 ग्राम, लंबाई 20 सेमी
ये सबसे छोटी बच्ची चेरी, जन्‍म के समय वजन था 375 ग्राम, लंबाई 20 सेमी

हैदराबाद(एएनअाई) हैदराबाद में एक महिला ने दक्षिण पूर्व एशिया की सबसे छोटी बच्ची को जन्म दिया है। इस शहर के रेनबो चिल्ड्रन हॉस्पिटस में जब इस बच्ची चेरी का जन्म हुआ था तब उसका वजन मात्र 375 ग्राम था और लंबाई मात्र 20 सेंटीमीटर थी। लेकिन इसकी डिलिवरी 25वें हफ्ते में ही कर दी गई थी। बच्ची का जन्‍म चार महीने पहले हुआ था और अब उसका वजन ढाई किलो है।

loksabha election banner

बता दें कि आमतौर पर बच्‍चे गर्भ के 36वें से 40वें हफ्ते में पैदा होते हैं लेकिन पहले पैदा होने वाले बच्‍चों को प्री-मेच्‍योर बेबी कहा जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे बच्‍चों के बचने की संभावना 0.5 फीसदी होती है। समय से पहले जन्‍म लेने वाले बच्‍चों के अंग पूरी तरह से विकसित नहीं होते हैं। ऐसे बच्‍चों को कई तरह के इंफेक्‍शन और कॉम्‍प्‍लिकेशन का खतरा रहता है।

एक नवजात की औसत लंबाई 45 से 50 सेंटीमीटर तक होती है. वहीं चेरी की लंबाई मात्र 20 सेमी थी जो कि एक हथेली के बराबर थी। एक नवजात का औसत वजन 2.5 किलो से 3.5 किलो होता है जबकि चेरी का भार मात्र 375 ग्राम था।

चेरी की मां निकिता ने गर्भ के 24वें सप्ताह में जटिलताओं की वजह से डॉक्टर से संपर्क किया। पहले उन्हें चार मिसकैरेज हो चुके हैं। इसलिए वह कोई चांस नहीं लेना चाहती थी। यह कपल छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.