पश्चिम बंगाल: एशिया के सबसे बड़े रेड लाइट एरिया में पहली बार 'दुर्गा पूजा'
4 लाख के बजट के साथ पिछले सालों की तुलना में दोगुनी 20 फीट की ऊंचाई दुर्गा मूर्ति की स्थापना करने जा रहे हैं। गौरतलब है कि, कोलकाता में सेक्स वर्कर्स कम्यूनिटी की यह एकमात्र दुर्गा पूजा है।
कोलकाता (आइएएनएस)। एशिया के सबसे बड़े रेड लाइट एरिया के रूप में जाने जाने वाले प. बंगाल के सोनागाछी के सेक्स वर्कर्स पांच साल में पहली बार दुर्गा पूजा जैसे बड़े उत्सव को धूमधाम से मनाने जा रहे हैं। उत्तरी कोलकाता के सोनागाछी का यह समुदाय साल 2013 से ही खुद के दुर्गा पूजा का आयोजन कर रहा है। हालांकि, कोलकाता उच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार उनका यह आयोजन एक छोटे सामुदायिक हॉल तक में ही सीमित था।
दरबार महिला समन्वय समिति की सचिव काजोल बोस ने कहा, "हमने हर साल की तरह पिछले साल उच्च न्यायालय में अपील नहीं की थी इसलिए 2016 में पूजा का आयोजन नहीं किया जा सका था। इस बार उच्च न्यायालय ने हमारे पक्ष में फैसला सुनाया और अब हम एक बड़े स्तर पर पूजा का आयोजन करने जा रहे हैं। 4 लाख के बजट के साथ पिछले सालों की तुलना में दोगुनी 20 फीट की ऊंचाई दुर्गा मूर्ति की स्थापना करने जा रहे हैं। गौरतलब है कि, कोलकाता में सेक्स वर्कर्स कम्यूनिटी की यह एकमात्र दुर्गा पूजा है।
बोस ने बताया, कोर्ट के द्वारा पांच सदस्यीय टीम बनाई गई जिसमें पुलिस, कोलकाता नगर निगम, अग्निशमन विभाग और हमारे सामूहिक प्रतिनिधियों को रखा गया था। इन्हें पूजा का स्थान निर्धारित करने को कहा गया था। इस पूजा में समुदाय से 20,000 लोगों के आने की उम्मीद है साथ ही खास तरह के प्रसाद की व्यवस्था भी की गई है।
बोस ने कहा, "हम सेक्स वर्करों के व्यस्त होने के कारण हमने एक ऐसी टीम रखी है जो सारी व्यवस्थाओं को देखेगा। अष्टमी के दिन खिचड़ी का भोग प्रदान किया जाएगा जो केवल सोनागाछी नहीं बल्कि अन्य आगंतुकों के लिए भी होगा। जानकारी के अनुसार, इस साल सोनागाछी के अलावा बशीरहट, बिश्नुपुर और कूच बेहार के सेक्स वर्कर्स समुदाय में भी अपने उत्सव मनाए जा रहे हैं।
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