मंगलयान की कामयाबी में यूपी का लाल
मंगलयान की सफलता से विश्व में भारत का नाम गौरवांवित करने वालों में महाराजगंज के परतावल गांव के कमलेंद्र कृष्ण त्रिपाठी भी हैं। कल लोगों की निगाहें सुबह से ही टीवी स्क्त्रीन पर जमी थीं। इंतजार था, इसरो के मार्स आर्बिटर मिशन (मंगलयान) के कक्षा में प्रवेश करने का। जैसे ही मंगलयान के निर्धारित कक्षा में प्रवेश की सूचना प्रसारि
लखनऊ। मंगलयान की सफलता से विश्व में भारत का नाम गौरवांवित करने वालों में महाराजगंज के परतावल गांव के कमलेंद्र कृष्ण त्रिपाठी भी हैं। कल लोगों की निगाहें सुबह से ही टीवी स्क्रीन पर जमी थीं। इंतजार था, इसरो के मार्स आर्बिटर मिशन (मंगलयान) के कक्षा में प्रवेश करने का। जैसे ही मंगलयान के निर्धारित कक्षा में प्रवेश की सूचना प्रसारित हुई, लोग झूम उठे।
परतावल गांव को इठलाने का पूरा हक मिला था तिवारी टोला के कमलेंद्र कृष्ण त्रिपाठी के कारण, जो मिशन की सफलता के लिए काम करने वाली टीम में पिछले एक वर्ष से जुड़े हैं। 2007 से इसरो के मिशन आपरेशन कंट्रोल में बतौर वैज्ञानिक काम शुरू करने वाले कमलेंद्र को मार्स आर्बिटर मिशन में काम करने के लिए 2013 में मौका मिला।
जागरण से फोन पर बातचीत में कमलेंद्र कृष्ण ने कहा मंगलयान को सफलता दिलाने वाली टीम का हिस्सा बनकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। आज का दिन ऐतिहासिक है। अच्छा लगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रत्येक वैज्ञानिक को बधाई देने के लिए उनकी सीट तक पहुंचे।
लखनऊ इस्ट्रेक में भी मना जश्न
मंगल तक यान पहुंचाने में लखनऊ के इसरो टेलीमेट्री ट्रेकिंग एंड कमांड नेटवर्क (इस्ट्रेक) के वैज्ञानिकों का भी अहम योगदान रहा। लखनऊ इस्ट्रेक के वैज्ञानिक मंगल यान पर नजर रखने के साथ उसे निर्देशित भी कर रहे थे। यही कारण है देश के साथ लखनऊ इस्ट्रेक में भी जश्न का माहौल है। अब यहां अक्टूबर में लांच होने वाले इंडियन रीजनल नेवीगेशन सेटेलाइट सिस्टम (आइआरएनएसएस-1 सी) की तैयारी चल रही है। इसरो टेलीमेट्री ट्रेकिंग एंड कमांड नेटवर्क (इस्ट्रेक) लखनऊ के प्रबंधक आसिफ सिद्दीकी के अनुसार यहां से अर्थ स्टेशन पर नजर रखी जाती है और निर्देशित भी किया जाता है। इसके अलावा भारतीय रिमोट सेंसिंग सेटेलाइट की भी ट्रेकिंग व कमांडिंग होती है। उन्होंने बताया कि मंगल यान के लिए चूंकि अधिक प्रभावशाली एंटीना की जरूरत थी इसलिए इसे बंगलुरू के केंद्र से ट्रेस किया जा रहा था। अब नौ अक्टूबर को श्री हरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से आइआरएनएसएस 1 सी की लांचिंग की तैयारी है।
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