डायलॉग से सभी मुद्दे सुलझाएं भारत-पाक - तुर्की
वरिष्ठ सलाहकार इब्राहिम कालीन ने भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक और सुरक्षा मुद्दों को डायलॉग से सुलझाएं जाने की बात कही है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। पहले भी कई देश भारत और पाकिस्तान के मुद्दों पर अपनी राय रख चुके है। इस बीच तुर्की ने भी भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक और सुरक्षा मुद्दों को डायलॉग के जरिए सुलझाए जाने की बात कही है। यह तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के वरिष्ठ सलाहकार इब्राहिम कालीन ने शुक्रवार को कही। कालीन ने यह भी कहा कि तुर्की ईरान के साथ अपने तेल व्यापार को जारी रखने के लिए तरीके तलाश रहा है। बता दें कि पिछले सोमवार को, अमेरिका ने एक अहम फैसला करते हुए ईरान पर तेल बेचने से पूरी तरह से रोक लगा दी है। पहले जो प्रतिबंध लगा था, उससे भारत समेत आठ देशों को छह महीने की छूट मिली हुई थी। इन देशों में भारत और तुर्की भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि हम इस मुद्दे पर अमेरिका के साथ बात कर रहे हैं। हम ऐसे तरीके और तंत्र खोजने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे हम ईरान के साथ व्यापार करना जारी रख सकें। बता दें कि पिछले साल नवंबर में, अमेरिका ने भारत, चीन, ग्रीस, इटली, ताइवान, जापान, तुर्की और दक्षिण कोरिया को ईरान से तेल आयात जारी रखने के लिए छह महीने की छूट दी थी। अस्थायी छूट 2 मई को समाप्त हो रही है। भारत अपनी कुल तेल आवश्यकता का लगभग 10 प्रतिशत ईरान से आयात करता है।
वहीं उन्होंने भारत और पाकिस्तान पर बात करते हुए कहा कि हम इन देशों में राजनीतिक कठिनाइयों का समाधान देखना चाहेंगे और राजनीतिक संवादों के साथ सुरक्षा मुद्दों को खत्म करना चाहेंगे। उन्होंने आगे कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों की स्थिरता हमारे लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। हम आगे भी दोनों देशों के संबंधों पर काम जारी रखेंगे।
पुलवामा हमले की करी निंदा
ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) के एक सम्मेलन में कालीन ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए आतंकवादी हमले की भी निंदा की, जिसमें 14 फरवरी को सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे। कालीन ने बताया कि 'पुलवामा में आतंकवादी हमला हुआ। हमने तुरंत इसकी निंदा की। हमारे राष्ट्रपति (एर्दोगन) ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री (इमरान खान) और आपके प्रधान मंत्री (मोदी) दोनों से बात की। हमने कहा कि हम इस तरह की किसी भी आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ है।
वहीं उन्होंने न्यूजीलैंड और श्रीलंका में हुए हमलों को लेकर कहा कि तुर्की के विचार में दोनों ही हमले के बीच कोई अंतर नहीं है। बता दें कि श्रीलंका में ईस्टर वाले दिन नौ आत्मघाती हमलावरों ने तीन चर्चों और तीन लक्जरी होटलों में विस्फोट किए, जिसमें पूरा देश दहल गया। इन धमाकों में 253 लोग नी अपनी जान गवाई। दूसरी तरफ न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में दो मस्जिदों में एक हमलावर ने 50 लोगों को मौत की घाट उतार दिया। आधुनिक न्यूजीलैंड के इतिहास में यह सबसे बड़े सामूहिक गोलीबारी कांड के रुप में देखा जाएगा।
बता दें कि एक सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के वरिष्ठ सलाहकार इब्राहिम कालीन ने भारत की बहुसंस्कृतिवाद की प्रशंसा भी की।