सोशल मीडिया पर भी शोक की लहर, हर मन व्यथित-हर दिल दुखी
पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे कलाम के निधन से राजनेता ही नहीं, बल्कि अाम जनता भी दुखी और व्यथित है। हालांकि, शोक केंद्र सरकार की ओर से सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है, लेकिन इसका सबसे ज्यादा असर सोशल मीडिया पर देखा जा रहा है।
नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे कलाम के निधन से राजनेता ही नहीं, बल्कि अाम जनता भी दुखी और व्यथित है। हालांकि, शोक केंद्र सरकार की ओर से सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है, लेकिन इसका सबसे ज्यादा असर सोशल मीडिया पर देखा जा रहा है।
बच्चों, किशोरों व युवाओं में समान रूप से लोकप्रिय कलाम को सोशल मीडिया पर भावभीनी श्रद्धांजली दी जी रही है। कहा जा रहा है, 'डॉक्टर कलाम पूरे देश के लिए प्रेरणा स्रोत रहे। उन्होंने सही मायनों में अपना तन-मन राष्ट्र को समर्पित कर दिया।
सोशल मीडिया पर पोस्ट में कलाम के कोट का 'सपने वो नहीं होते जो सोते हुए नींद में आते हैं। सपने वो होते हैं, जो रातों में सोने नहीं देते' का सबसे ज्यादा जिक्र किया जा रहा है।
राष्ट्रपति बनने से पहले और राष्ट्रपति बनने के बाद भी वो अक्सर स्कूल, कॉलेज और इंजीनियरिंग संस्थानों के बच्चों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते थे, जिंदगी के आखिरी दिन जब मौत ने दस्तक दी तब भी कलाम शिलॉन्ग में आइआइएम के छात्रों के बीच थे।
बहुमुखी प्रतिभा के धनी और 'मिसाइल मैन' के नाम से विख्यात अब्दुल कलाम देश के सर्वोच्च पद पर भी आसीन रहे l कई सम्मान प्राप्त कर चुके कलाम को देश के सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' से भी नवाजा जा चुका है l
एक सफल बैज्ञानिक , बेहतरीन राष्ट्रपति , लेखक और कवि , एक मर्मस्पर्शी इंसान , सादगी पसंद जीवन ये ऐसे गुण है जो कि उनके व्यक्तित्व को भीड़ में अलग करते थे l डॉ. कलाम का बचपन कड़े संघर्षो से होकर गुजरा था , वे हमेशा ही एक आम आदमी बनकर रहे l सफलता को उन्होंने कभी भी अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया l