पिछले चार महीनों में पांच बार बंद हुए हैं सोशल मीडिया ये एप, ट्विटर रहा इससे अछूता
इस वर्ष देश में कई मौकों पर ऐसा देखने को मिला जब सोशल मीडिया के एप घंटों तक बंद रहे या उन्होंने ठीक से काम नहीं किया। तकनीक की भाषा में इसे ‘एप का डाउन हो जाना’ कहते हैं।
नई दिल्ली, आइएएनएस। जरा कल्पना करें यदि आपके सोशल मीडिया अकाउंट जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, वाट्सएप, स्नैपचैट और ट्विटर कुछ समय के लिए काम करना बंद कर दें, तो क्या आप परेशान हो जाएंगे या फिर आपको इससे कुछ भी फर्क नहीं पड़ेगा? कई ऐसे लोग हैं जो इन एप्लीकेशनों के काम न करने पर परेशान हो जाते हैं, जबकि कुछ लोग इनके ठीक होने का इंतजार करते हैं। इस वर्ष देश में कई मौकों पर ऐसा देखने को मिला, जब सोशल मीडिया के एप घंटों तक बंद रहे या उन्होंने ठीक से काम नहीं किया। तकनीक की भाषा में इसे ‘एप का डाउन हो जाना’ कहते हैं। उपभोक्ताओं (यूजर्स) को ऐसी परिस्थिति में ट्विटर का सहारा लेना पड़ा, क्योंकि सोशल मीडिया में ट्विटर ही एक ऐसा एप है जो डाउन नहीं हुआ।
मुंबई के 21 वर्षीय छात्र दीपांशु जैन ने कहा कि आउटेज (डाउन) हमें यह एहसास कराते हैं कि हम वास्तव में इंटरनेट और एप पर कितना निर्भर हैं। लोगों के पास ऐसे एप भी हैं जो उन्हें याद दिलाते हैं कि यह उनके पानी पीने का समय है। अगर ये एप काम करना बंद कर दे तो जाहिर सी बात है लोगों की बेचैनी बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया आउटेज उन्हें असहज और बेचैन करता है।
सबसे ज्यादा परेशानी इंस्टा में
फेसबुक और उसके एप, जिनमें इंस्टाग्राम और वाट्सएप भी शामिल हैं, पिछले चार महीनों में पांच बार आउटेज का सामना किया है। फेसबुक के सभी एप्स में से इंस्टाग्राम सबसे ज्यादा डाउन हुआ है। 14 मार्च को इंस्टा को सबसे लंबे समय तक 12 घंटों के लिए आउटेज का सामना करना पड़ा था। जबकि इस दौरान लोग अनुमान लगा रहे थे कि शायद साइबर हमलों के कारण ऐसी स्थिति का उन्हें सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, सोशल नेटवर्किंग की दिग्गज कंपनी ने इन अटकलों का खंडन किया और ब्लैकआउट के लिए ‘सर्वर’ को जिम्मेदार बताया।
गूगल सेवाएं भी हुई डाउन
फेसबुक के बाद, पिछले चार महीनों में, जीमेल, मैप्स और कैलेंडर जैसी गूगल सेवाएं तीन बार डाउन हुईं हैं। जिससे दुनियाभर में लोगों को को परेशानियों का सामना करना पड़ा। 3 जून को यूट्यूब, जीमेल और नेस्ट और स्नैपचैट की सेवाएं अमेरिका और यूरोप में चार घंटे के लिए प्रभावित हुईं थी, इसका कारण कंपनी ने गूगल कैलेंडर का पुराना होना बताया था। बेंगलुरू की सीमा शर्मा ने कहा कि उन्हें भी व्यक्तिगत रूप से इस बात का डर लगा रहता है कि यदि अकाउंट हैक जो जाए तो क्या होगा? 16 मई को अमेजन वॉयस असिस्टेंट ‘एलेक्सा’ को अज्ञात कारणों से अमेरिका में आउटेज का सामना करना पड़ा था।
ट्विटर अन्य एप्स से बेहतर
जुलाई को यूरोप और अमेरिका में कुछ मिनटों के लिए ट्विटर यूजर्स को परेशानी का सामाना करना पड़ा था। हालांकि उसे तुरंत बहाल कर दिया गया था। लेकिन 20 मिनट के भीतर ट्विटर को लगभग 400 शिकायतें मिली थीं। इसके बाद ट्विटर ने कहा था कि यह एक सामान्य समस्या थी। आज भी ट्विटर आउटेज के मामले में अन्य एप्स के मुकाबले बेहतर है। पुणे की 23 वर्षीय मीडिया प्रशिक्षु (इंटर्न) आयुषी अगलावे कहती हैं कि जब भी कोई भी एप काम करना बंद कर देता है। वह तुरंत ट्विटर के जरिये पता लगाती हैं कि क्या यह समस्या सिर्फ उनके अकाउंट की है या यह ब्लैकआउट है।