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Smriti Irani On Amit Shah: स्मृति ईरानी ने किया अमित शाह पर लिखी किताब का विमोचन, जानिए केंद्रीय मंत्री ने किसे बताया राम-लक्ष्मण

केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्मृति इरानी ने अमित शाह पर लिखी पुस्तक अमित शाह और भाजपा की यात्रा के मराठी संस्करण के विमोचन पर कही। स्मृति ईरानी ने अमित शाह को लेकर कई दिलचस्प बात बताई है।

By Piyush KumarEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 04:08 AM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 04:08 AM (IST)
Smriti Irani On Amit Shah: स्मृति ईरानी ने किया अमित शाह पर लिखी किताब का विमोचन, जानिए केंद्रीय मंत्री ने किसे बताया राम-लक्ष्मण
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्मृति इरानी की फाइल फोटो

जेएनएन, एजेंसियां।  जिस सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की हम बात करते हैं गृह मंत्री अमित शाह स्वयं उसको जीते हैं। उन्हें 13 वर्ष की आयु में शास्त्रों और उपनिषदों का पूर्ण ज्ञान हो गया था। उन्होंने एक- एक ईंट जोड़कर जिस तरह संगठन को अभेद्य किले की तरह बनाया है उसकी मिसाल मिलना मुश्किल है। यह बात सोमवार को  यहां केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्मृति इरानी ने शाह पर लिखी पुस्तक 'अमित शाह और भाजपा की यात्रा' के मराठी संस्करण के विमोचन पर कही।

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अमित शाह खुदपर तंज कसके हंस सकते हैं

इस मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए ईरानी ने कहा कि जिस नेता की संगठन को समर्पित जीवन यात्रा इस पुस्तक में बताई गई है वो जब अपनी पोती को गोद में लेता है तो एक पुरुष में भी ममत्व की भावना दिखती है।उन्होंने कहा कि अमित शाह राष्ट्रवादी हैं इसमें कोई रहस्य नहीं है। उन्होंने नानाजी देशमुख के साथ आठ साल काम किया, ऐसे ही कई महानुभावों को पढ़कर, समझकर, उनके साथ काम करके उनके संस्कारों को आत्मसात कर परिश्रमी जीवन जिया है। हमें उनका कठोर व्यक्तित्व दिखता है वो स्वयं पर भी तंज कसके हंस सकता है। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने सबसे पहले सरदार वल्लभ भाई पटेल की बेटी के चुनाव में स्टीकर लगाए थे।

राम और लक्ष्मण की जोड़ी 

राजनीति के चाणक्य शाह शतरंज के भी अच्छे खिलाड़ी हैं। मोदी जी और अमित भाई की जोड़ी को लोग राम लक्ष्मण की जोड़ी भी कहते हैं। लक्ष्मण जी तो फिर भी श्री राम के साथ चलते थे अमित भाई पीछे चलते हैं ये उनका सेवाभाव बताता है। इरानी ने कहा कि भाजपा का हर जिले में कार्यालय हो ये सोच अमित भाई ने प्रमाणिकता से शुरू की और उसमें एक लाइब्रेरी भी हो ताकि भविष्य में लोग जान सकें कि भाजपा ने अपना सफर कैसे तय किया। उन्होंने कहा कि विपदा की घड़ी में प्रेरणा चाहिए तो इस किताब को पढ़िए। शाह दो साल अपने प्रदेश गुजरात से बाहर और 90 दिन जेल में रहे लेकिन विचारधारा और अपने नेता को कभी त्यागा नहीं।


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