याददाश्त बढ़ाएगा स्मार्टफोन एप, माइग्रेन के दर्द से भी मिलेगी राहत, जानें क्या है रिसर्च
वैज्ञानिकों ने अब याददाश्त बढ़ाने वाला स्मार्टफोन एप तैयार किया है। इसी के साथ माइग्रेन के दर्द से भी राहत दिलाने वाला एप तैयार किया जा रहा है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल] एक ओर जहां हर कोई मोबाइल की लत से परेशान है, वहीं दूसरी ओर कुछ वैज्ञानिक मोबाइल पर इस तरह के एप विकसित कर रहे हैं जो मोबाइल का अधिक इस्तेमाल करने वालों के लिए फायदमेंद हो सकें। इस तरह के एप इस्तेमाल से आप अपने दिमाग को मजबूत भी कर सकते हैं। इसी के साथ एक एप ऐसा भी डेवलप किया जा रहा है जो आपको माइग्रेन के भयानक दर्द से भी राहत दिलवाएगा।
दरअसल जैसे-जैसे हम आधुनिकीकरण की ओर बढ़ रहे हैं वैसे-वैसे इलेक्ट्रानिक गजट्स की लत के शिकार होते जा रहे है। यदि इन इलेक्ट्रानिक गजटस से हम कुछ देर के लिए दूर हो जाएं तो ऐसा लगता है कि हमारे पास से कुछ खोया हुआ है। अजीब सा खालीपन महसूस होता है। कई लोग तो इन मोबाइल के इतने आदि हो गए हैं कि सिर्फ कुछ कामों को करने के दौरान ही वो उससे दूर रह पाते हैं अन्यथा वो 24 में से 18 घंटे तक मोबाइल के संपर्क में रहते हैं। कई परिजन अपने बच्चों की मोबाइल लत से इतने अधिक परेशान है कि वो उनकी लत छुड़ाने के लिए उनको अस्पताल तक ले जा रहे हैं, वहां प्रॉपर तरीके से उनका इलाज हो रहा है। कई दिनों तक उनको अस्पताल में भर्ती कराया जाता है फिर वो इलाज कराने के बाद वहां से बाहर आते हैं।
दिल्ली के दो बड़े अस्पतालों में मोबाइल लतों के शिकार लोगों का इलाज भी किया जा रहा है। यहां डॉक्टर इनकी बीमारी के हिसाब से इलाज करते हैं। उसी हिसाब से इनको दवाइयां दी जाती है। दिल्ली के एम्स और डॉ..राम मनोहर लोहिया अस्पताल में इस तरह के लोगों का इलाज शुरु हुआ है। एम्स के डॉ.यतीनपाल सिंह बलहारा बताते हैं कि आज के समय में पैरंट्स शुरू से ही बच्चों को मोबाइल लत का शिकार बना रहे हैं, वो उनको मोबाइल खेलने के लिए दे रहे हैं, उनको वीडियो दिखा रहे हैं जिससे बच्चा रोए गाए नहीं। अब बच्चों को चुप कराने का एक बड़ा माध्यम ये भी हो गया है। इस वजह से उनकी आंखे भी कमजोर हो रही हैं और वो मोबाइल लत का शिकार हो रहे हैं।
अब वैज्ञानिकों ने मोबाइल से होने वाले कुछ फायदों की तरफ भी काम करना शुरू किया है। उन्होंने रिसर्च के बाद एक ऐसा एप डेवलप किया है जिसके संपर्क में आने से मात्र ६ माह में ही एकाग्रता व याददाश्त में सुधार हो सकता है। इसका नाम मेडिट्रेन एप रखा गया है। इस एप की एक खासियत यह भी है कि यह हर व्यक्ति की क्षमता के हिसाब से उसके लिए ध्यान की प्रक्रिया और समय का निर्धारण करता है।
अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, सैन फ्रांसिस्को के शोधकर्ताओं ने 18 से 35 साल के 59 लोगों पर इस एप को अजमाया, इसमें पाया गया कि एकाग्रता और याददाश्त पर इस ट्रेनिंग एप का काफी असर है।वैज्ञानिकों का कहना है कि यह लोगों के लिए बहुत ही कारगर साबित होगा।
इसके अलावा वैज्ञानिकों ने एक ऐसा स्मार्टफोन एप भी तैयार किया है जो माइग्रेन पीड़ितों को दर्द से राहत दिलाएगा। माइग्रेन के मरीजों को अचानक कभी-कभी भयंकर सिरदर्द का सामना करना पड़ता है। अमेरिका के न्यूयार्क यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने बताया कि इस एप का इस्तेमाल करने वालों को महीने में दर्द का यह दौरा औसतन चार दिन कम झेलना पड़ा। इस एप को रिलैक्स ए हेड नाम दिया गया है। शोधकर्ताओं मिया मेनन ने कहा कि हमें व्यवहार आधारित थेरेपी(बिहेवियरल थेरेपी) पर विचार करने की जरूरत है। यह एप मरीजों को उनके हाथ में बिहेवियरल थेरेपी की सुविधा देकर इस मुश्किल को दूर करने में मददगार हो सकता है।
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