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स्मार्ट पोल के जरिये एक किमी के दायरे में मरेंगे मच्छर

मच्छरों को लेकर यह प्रयोग करने में देश की सभी स्मार्ट सिटी में से संभवत: भोपाल पहला शहर होगा।

By Manish NegiEdited By: Published: Thu, 13 Dec 2018 10:50 PM (IST)Updated: Thu, 13 Dec 2018 10:50 PM (IST)
स्मार्ट पोल के जरिये एक किमी के दायरे में मरेंगे मच्छर
स्मार्ट पोल के जरिये एक किमी के दायरे में मरेंगे मच्छर

नई दुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश के भोपाल में स्मार्ट पोल (खंभे) में मॉस्किटो कैचर तकनीक के जरिये मच्छरों पर नियंत्रण की तैयारी की जा रही है। दावा किया जा रहा है कि पोल के एक किमी के दायरे में सेंसर से न सिर्फ मच्छर मर जाएंगे, बल्कि यह भी पता चल जाएगा कि कहां, कितने, किस प्रजाति के मच्छर हैं। मच्छरों को लेकर यह प्रयोग करने में देश की सभी स्मार्ट सिटी में से संभवत: भोपाल पहला शहर होगा।

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भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड (बीएससीडीसीएल) स्मार्ट पोल पर काम कर रही। इसके लिए भारतीय इंफ्राटेल को निर्देशित किया गया है। ट्रायल सफल होने के बाद बाकी के सभी पोल में यह सिस्टम लगाया जाएगा। स्मार्ट सिटी कंपनी के अधिकारियों के अनुसार, शहर में 150 स्मार्ट पोल लगाए जा चुके हैं, करीब 100 पोल में वाईफाई इंस्टॉल हो चुका है। सभी स्मार्ट पोल को कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जुड़े रहेंगे, जिससे डाटा एकत्र हो सकेगा।

ऐसे करेगा काम
एक स्मार्ट पोल में लगने वाली मॉस्किटो कैचर तकनीक के सेंसर से एक किमी के दायरे में मौजूद मच्छरों की संख्या पता चलेगी। इसमें मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जीका वाइरस बीमारी फैलाने वाले मच्छरों की पहचान हो सकेगी। मच्छरों को आकर्षिक करके सेंसर इन्हें मार देगा। इसका डाटा कमांड कंट्रोल सेंटर में एकत्र होगा। डाटा मिलने से यह भी पता चल जाएगा कि किस क्षेत्र में किस प्रजाति के मच्छर हैं। इससे नगर निगम संबंधित प्रजाति के मच्छरों को मारने के लिए कीटनाशक दवाइयों को छिड़काव करेगा।

सीईओ शिखर सम्मेलन में आया था सुझाव
बता दें कि इसी वर्ष आठ और नौ मई को भोपाल में आयोजित दो दिवसीय सीईओ शिखर सम्मेलन में केंद्र से आए स्मार्ट सिटी मिशन के डायरेक्टर समीर शर्मा ने इस बारे में सुझाव दिया था। उन्होंने बताया था कि श्रीलंका ने पोल के जरिये टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए पूरे देश को मलेरिया मुक्त कर दिया है।

काम पहले चरण में
मॉस्किटो कैचर लगाने का काम अभी प्रारंभिक चरण में है। कंपनी को ट्रायल के लिए कहा गया है। इसकी सफलता से मच्छरों से होने वाली बीमारियों को रोकने में यह व्यवस्था कारगर साबित होगी।

- संजय कुमार, सीईओ, बीएससीडीसीएल, भोपाल 


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