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राजस्थान में स्लीपर सेल सक्रिय, खुफिया एजेंसियों के साथ BSF और पुलिस अलर्ट

ठंड तेज होने के साथ ही घुसपैठ की आशंका और स्लीपर सेल सक्रिय होने की सूचना मिलने के बाद बीएसएफ ने पेट्रोलिंग भी तेज कर दी है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Sat, 11 Jan 2020 07:22 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jan 2020 07:22 PM (IST)
राजस्थान में स्लीपर सेल सक्रिय, खुफिया एजेंसियों के साथ BSF और पुलिस अलर्ट
राजस्थान में स्लीपर सेल सक्रिय, खुफिया एजेंसियों के साथ BSF और पुलिस अलर्ट

जयपुर, जागरण संवाददाता। अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे राजस्थान के जिलों में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ (इंटर सर्विसेस इंटेलिजेंस) का स्लीपर सेल नेटवर्क सक्रिय होने की सूचनाएं मिली हैं। इसके बाद खुफियां एजेंसियां, बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) और राज्य पुलिस भी सक्रिय हो गई है। जैसलमेर और बाड़मेर जिलों में सतर्कता बढ़ा दी गई है।

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सीमा से सटे गांवों में लोगों के बीच जाकर पुलिस अधिकारी लोगों को समझा रहे हैं कि यदि उन्हें कोई अनजान व्यक्ति नजर आए तो तत्काल निकटवर्ती पुलिस थाने में सूचना दें । ठंड तेज होने के साथ ही घुसपैठ की आशंका और स्लीपर सेल सक्रिय होने की सूचना मिलने के बाद बीएसएफ ने पेट्रोलिंग भी तेज कर दी है। पुलिस मुखबिरों का भी सहारा ले रही है।

विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक खुफिया एजेंसियों एवं बीएसएफ को सूचना मिली है कि जैसलमेर और बाड़मेर जिले के करीब 20 लोग प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहे हैं। अब इन लोगों का पता लगाया जा रहा है । ये लोग स्लीपर सेल के रूप में काम कर रहे हैं । बीएसएफ अथवा पुलिस के अधिकारी अनौपचारिक रूप से तो दोनों जिलों में स्लीपर सेल होने की बात स्वीकार करते हैं, लेकिन अधिकारिक तौर पर बताने को तैयार नहीं हैं। एक आइपीएस अधिकारी ने बताया कि अभी संदिग्ध लोगों की निगरानी की जा रही है।

ये होते हैं स्लीपर सेल और इन्हें ऐसे फंसाया जाता

स्लीपर सेल उन्हें कहा जाता है जो छोटे से लालच में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करते हैं। इनके माध्यम से सूचनाएं एकत्रित करने वालों का लंबा नेटवर्क होता है । ये लोग खुद नहीं जानते कि असल में ये किस के लिए काम कर रहे हैं । जानकारी के अनुसार आइएसआइ स्लीपर सेल में उनको शामिल करती है, जिनकी पाक में रिश्तेदारी होती है । रिश्तेदारों के माध्यम से इनसे संपर्क साधा जाता है । सीमावर्ती जिले में तैनात एक आइपीएस अधिकारी के अनुसार शुरुआत में आइएसआइ इन लोगों को हेरोइन की तस्करी का प्रलोभन देती है । इसके बाद इन्हें सामरिक सूचनाएं देने के बदले पैसे का प्रलोभन दिया जाता है। जाल में फंसने के बाद इन्हें पाक टेलिकॉम कंपनी के सिमकार्ड दिए जाते हैं। इनका उपयोग ये लोग केवल सूचनाएं पहुंचाने के समय ही करते हैं ।

इन्हें पकड़ा जा चुका है

सीमावर्ती क्षेत्रों में स्लीपर सेल से जुड़े कई लोगों को पकड़ा जा चुका है। इनमें जाफरिया, अमरे खां, नबिया, नूरे खां, रमजान, मौलवी अल्लाबख्श, माजिद खां, गुलाम रसूल, सुमार खां, हाजी खां, सदीक खां, बरियम खां, गोरधन ¨सह, नंदू महाराज प्रमुख रूप से शामिल हैं । इन सभी के रिश्तेदार पाकिस्तान में रह रहे हैं। उल्लेखनीय है कि राजस्थान की 1070 किलोमीटर सीमा पाकिस्तान से सटी हुई है । इसमें सबसे अधिक 450 किलोमीटर लंबी सीमा जैसलमेर जिले और 230 किलोमीटर लंबी बाड़मेर जिले की सीमा सटी है ।


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